कम्प्यूटर की विशेषता (Characteristics of Computer)
(i) गति (Speed) : कम्प्यूटर एक सेकेण्ड में लाखों गणनाएं कर सकता है। किसी मनुष्य द्वारा पूरे साल में किए जाने वाले कार्य को कम्प्यूटर कुछ ही सेकेण्ड में कर सकता है। "कम्प्यूटर प्रोसेसर के स्पीड को हर्ट्ज (Hz) में मापते हैं। वर्तमान समय में कम्प्यूटर नैनो सेकेण्ड (10-9 Sec) में गणनाएं कर सकता है। कम्प्यूटर की गति को एक सेकेण्ड में प्रोसेस किए गए निर्देशों की संख्या के आधार पर मापा जाता है। वर्तमान में कम्प्यूटर एक सेकेण्ड में दस लाख (Million) से भी अधिक निर्देशों को प्रोसेस कर सकता है। अतः (कम्प्यूटर की गति को MIPS (Million Instructions Per Second) में मापा जाता है।
(ii) स्वचालित (Automatic) : कम्प्यूटर एक स्वचालित मशीन है जिसमें गणना के दौरान मानवीय हस्तक्षेप की संभावना नगण्य रहती है। हालांकि कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए निर्देश मनुष्य द्वारा ही दिए जाते हैं, पर एक बार आदेश दिये जाने के बाद वह बिना रुके कार्य कर सकता है।
(iii) त्रुटि रहित कार्य (Accuracy) : कम्प्यूटर की गणनाएं लगभग त्रुटिरहित होती हैं। गणना के दौरान अगर कोई त्रुटि (error) पायी भी जाती है तो वह प्रोग्राम या डाटा में मानवीय गलतियों के कारण होती है। अगर डाटा और प्रोग्राम सही है तो कम्प्यूटर हमेशा सही परिणाम ही देता है। कभी-कभी वायरस (Virus) के कारण भी कम्प्यूटर में त्रुटियां आ जाती हैं।
(iv) स्थायी भंडारण क्षमता (Permanent Storage): कम्प्यूटर में प्रयुक्त मेमोरी को डाटा, सूचना और निर्देशों के स्थायी 'भंडारण के लिए प्रयोग किया जाता है। चूंकि कम्प्यूटर में सूचनाएं इलेक्ट्रानिक तरीके से संग्रहित की जाती हैं, अतः सूचना के समाप्त या नष्ट होने की संभावना कम रहती है।
(v) विशाल भंडारण क्षमता (Large Storage Capacity) : कम्प्यूटर के बाह्य (external) तथा आंतरिक (internal) संग्रहण माध्यमों (हार्ड डिस्क, फ्लापी डिस्क, मैग्नेटिक टेप, सीडी रॉम) में असीमित डाटा और सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है। कम्प्यूटर में सूचनाएं कम स्थान घेरती हैं, अतः इसकी भंडारण क्षमता विशाल और असीमित है।
(vi) भंडारित सूचना को तीव्रगति से प्राप्त करना (Fastretrieval) : कम्प्यूटर प्रयोग द्वारा कुछ ही सेकेण्ड में भंडारित सूचना में से आवश्यक सूचना को प्राप्त किया जा सकता है। रैम (RAM-Random Access Memory) के प्रयोग से यह काम और भी सरल हो गया हैा
(vii) जल्द निर्णय लेने की क्षमता (Quick decision) : कम्प्यूटर परिस्थितियों का विश्लेषण कर पूर्व में दिये गये निर्देशों के
आधार पर तीव्र निर्णय की क्षमता रखता है।
(viii) विविधता (Versatility) : कम्प्यूटर की सहायता से विभिन्न प्रकार के कार्य संपन्न किये जा सकते हैं। आधुनिक कम्प्यूटरों
में अलग-अलग तरह के कार्य एक साथ करने की क्षमता है।
(ix) पुनरावृत्ति (Repetition) : कम्प्यूटर को आदेश देकर एक ही तरह के कार्य बार-बार समान विश्वसनीयता और तीव्रता से
कराये जा सकते हैं।
(x) स्फूर्ति (Agility) : कम्प्यूटर एक मशीन होने के कारण मानवीय दोषों से रहित है। इसे थकान तथा बोरियत महसूस नहीं होती
है और हर बार समान क्षमता से कार्य करता है।
(xi) गोपनीयता (Secrecy) : पासवर्ड (Password) के प्रयोग द्वारा कम्प्यूटर के कार्य को गोपनीय बनाया जा सकता है। पासवर्ड के प्रयोग से कम्प्यूटर में रखे डाटा और कार्यक्रमों को केवल पासवर्ड जानने वाला व्यक्ति ही देख या बदल सकता है।
(xii) कार्य की एक रूपता (Uniformity of work): बार-बार तथा लगातार एक ही कार्य करने के बावजूद कम्प्यूटर के कार्य की गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
(xiii) विश्वसनीयता (Reliability) : कम्प्यूटर प्रोसेस के पश्चात् सही व भरोसेमंद परिणाम देता है तथा गलती की संभावना नगण्य होती है।
(xiv) कागज के प्रयोग में कमी (Paperless Work) : कम्प्यूटर के सही प्रयोग से कागज की खपत में कमी की जा सकती है
जिससे पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है।
क्या आप जानते है भारत में कम्प्यूटर का प्रथम प्रयोग १६ अगस्त १९८६ को बंगलूरू के प्रधान डाकघर में किया गया ा जबकि भारत का प्रथम पूर्ण कम्प्यूटरीक्रित डाकघर नई दिल्ली हैा