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गुरुवार, 3 फ़रवरी 2022

नोटबुक कम्प्यूटर या लैपटॉप (Notebook Computer or Laptop)

 

नोटबुक कम्प्यूटर या लैपटॉप (Notebook Computer or Laptop): यह नोटबुक के आकार का ऐसा कम्प्यूटर है जिसे ब्रीफकेस में रखकर कहीं भी ले जाया जा सकता है। इसमें पर्सनल कम्प्यूटर की सभी विशेषताएं मौजूद रहती हैं। चूंकि इसका उपयोग गोद (Lap) पर रखकर किया जाता है, अतः इसे लैपटॉप कम्प्यूटर (Laptop Computer) भी कहते हैं


 


 

 चित्र : नोटबुक कम्प्यूटर या लैपटॉप
 
लैपटॉप का विकास एडम आसबर्न (Adam Osborne) : द्वारा 1981 में किया गया था। इसमें एक मुड़ने योग्य एलसीडी (LCD) मॉनीटर, की-बोर्ड, टच पैड (Touch Pad), हार्डडिस्क, फ्लापी डिस्क ड्राइव, सीडी/डीवीडी ड्राइव और अन्य पोर्ट (Port) रहते हैं। विद्युत के बगैर कार्य कर सकने के लिए इसमें चार्ज की जाने वाली बैटरी (Chargeable Battery) का प्रयोग किया जाता है। सामान्यतः, लैपटॉप र में लीथियम आयन बैटरी (Lithium Ion Battery) का प्रयोग किया जाता है। वाई-फाई (WiFi) और ब्लूटूथ (Bluetooth) की सहायता से इसे इंटरनेट द्वारा भी जोड़ा जा सकता है
 
नेटबुक (Netbook) :  यह नोटबुक या लैपटॉप कम्प्यूटर का लघु संस्करण है जिसे गतिमान अवस्था में वायरलेस नेटवर्क द्वारा इंटरनेट का उपयोग करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया जाता है। नेटबुक का आकार व वजन लैपटॉप कम्प्यूटर से छोटा होता है तथा प्रोसेसिंग और स्टोरेज क्षमता भी कम होती है।
            Netbook शब्द की उत्पत्ति Internet तथा Notebook शब्द के मिलने से हुआ है।नेटबुक द्वारा इंटरनेट से जुड़ने, वर्ल्ड वाइड वेब (www) पर सर्किंग करने, ई-मेल भेजने तथा प्राप्त करने, सोशल मीडिया का प्रयोग करने, वीडियो तथा आडियो फाइल अपलोड या डाउनलोड करने आदि का काम आसानी से किया जा सकता है।

टैबलेट कम्प्यूटर (Tablet Computer) : टैबलेट एक छोटा कम्प्यूटर है जिसमें की-बोर्ड या माउस का प्रयोग नहीं होता। इसमें इनपुट के लिए स्टाइलस (Stylus), पेन या टच स्क्रीन (Touch Screen) तकनीक का प्रयोग होता है। टैबलेट में डाटा डालने के लिए Virtual या On Screen key board का प्रयोग किया जाता है। इसे वायरलेस नेटवर्क द्वारा इंटरनेट से भी जोड़ा जा सकता है। इसका प्रयोग स्मार्टफोन की तरह भी किया जा सकता है। चूंकि टैबलेट कम्प्यूटर का प्रयोग हाथ में रखकर किया जाता है, अतः इसे Hand held computer भी कहा जाता है। Apple कंपनी का आईपैड (i Pad) टैबलेट कम्प्यूटर का एक उदाहरण है।

 
चित्र : टैबलेट कम्प्यूटर
 
पॉमटाप (Palmtop) : यह बहुत ही छोटा कम्प्यूटर है जिसे हाथ में रखकर कार्य किया जा सकता है। इसे मिनी लैपटॉप भी कहा जा सकता है। की-बोर्ड की जगह इसमें आवाज द्वारा इनुपट का कार्य लिया जाता है। पीडीए (PDA-Personal Digital Assistant) भी एक छोटा कम्प्यूटर है जिसे नेटवर्क से जोड़कर अनेक कार्य किये जा सकते हैं। इसे फोन की तरह भी व्यवहार किया जा सकता है।

चित्र : पॉमटॉप
 
स्मार्टफोन (Smartphone) : स्मार्टफोन एक मोबाइल फोन है जिसमें कम्प्यूटर की लगभग सभी विशेषताएं मौजूद रहती हैं। इसमें डाटा इनपुट के लिए टच स्क्रीन तकनीक का प्रयोग किया जाता है। टैबलेट या पीडीए एक कम्प्यूटर है जिसका प्रयोग वैकल्पिक फोन की तरह भी किया जा सकता है। दूसरी तरफ, स्मार्टफोन मुख्यतः एक फोन है जिसका प्रयोग कम्प्यूटर प्रोसेसिंग के कुछ कार्यों तथा इंटरनेट का प्रयोग करने के लिए किया जा सकता है। स्मार्टफोन का उपयोग एक हाथ से किया जा सकता है जबकि टैबलेट या पीडीए को दोनों हाथों से चलाना पड़ता है। स्मार्टफोन, टैबलेट तथा पीडीए हैंड हेल्ड डिवाइस (Hand Held Devices) कहलाता है 
 
 
लैपटॉप, नोटबुक, नेटबुक, टैबलेट तथा पीडीए में अंतर
(Difference between Laptop, Notebook, Netbook,
Tablet and PDA)

                कम्प्यूटर तकनीक में हो रहे विकास और उपकरणों के आकार में आयी कमी ने इन उपकरणों के बीच के अंतर को कम किया है। इन उपकरणों के बीच एक रेखा खींच पाना अत्यंत कठिन हो गया है। लैपटॉप डेस्कटॉप कम्प्यूटर का मोबाइल संस्करण है। इसमें की-बोर्ड, माउस तथा स्पीकर उपकरण के साथ ही बना होता है। इसमें डेस्कटॉप कम्प्यूटर की सभी विशेषताएं रहती हैं, हालांकि प्रोसेसिंग तथा स्टोरेज क्षमता अपेक्षाकृत कम होती है। 
 
                नोटबुक लैपटॉप कम्प्यूटर का लघु संस्करण है। इसका वजन अपेक्षाकृत कम होता है तथा इसे साथ में लेकर घूमना आसान होता है। इसके मानीटर स्क्रीन का आकार 12 से 15 इंच तक हो सकता है। 
            नेटबुक कम्प्यूटर को मुख्यतः गतिमान अवस्था में इंटरनेट तथा उससे जुड़ी सुविधाओं का इस्तेमाल करने के लिए डिजाइन किया जाता है। इसमें प्रोसेसिंग तथा स्टोरेज क्षमता की अपेक्षा नेटवर्क स्पीड
पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। इसके मानीटर स्क्रीन का आकार 10 से 14 इंच तक हो सकता है। नेटबुक में सामान्यतः आप्टिकल डिस्क ड्राइव नहीं होता है ।
                टैबलेट कम्प्यूटर में की-बोर्ड तथा माउस का प्रयोग नहीं होता। डाटा तथा निर्देश डालने के लिए स्टाइलस या टच स्क्रीन तथा वर्चुअल की-बोर्ड का प्रयोग किया जाता है। लैपटॉप, नोटबुक तथा नेटबुक का प्रयोग गोद में रखकर किया जाता है जबकि टैबलेट कम्प्यूटर तथा स्मार्टफोन का प्रयोग हाथ में पकड़कर किया जाता है।
 
सुपर कम्प्यूटर (Super Computer)
                अत्यधिक तीव्र प्रोसेसिंग शक्ति और विशाल भंडारण क्षमता (मेमोरी) वाले कम्प्यूटर सुपर कम्प्यूटर कहलाते हैं। सुपर कम्प्यूटर का निर्माण उच्च क्षमता वाले हजारों प्रोसेसर को एक साथ समानान्तर क्रम में जोड़कर किया जाता है। इसमें मल्टी प्रोसेसिंग (Multiprocessing) और समानान्तर प्रोसेसिंग (Parallel processing) का उपयोग किया जाता है। समानान्तर प्रोसेसिंग में किसी कार्य को अलग-अलग टुकड़ों में तोड़कर उसे अलग-अलग प्रोसेसर द्वारा संपन्न कराया जाता है। सुपर कम्प्यूटर पर अनेक उपयोगकर्ता एक साथ काम कर सकते हैं, अतः इन्हें मल्टी यूजर (Multi User) कम्प्यूटर कहा जाता है।
            सुपर कम्प्यूटर के प्रोसेसिंग स्पीड की गणना FLOPS (Floating Point Operations Per Second) में की जाती है। यहां फ्लोटिंग प्वाइंट का तात्पर्य कम्प्यूटर द्वारा संपन्न किये गये किसी भी कार्य से है जिसमें भिन्न संख्याएं (Fractional numbers) भी शामिल हो। वर्तमान सुपर कम्प्यूटर की गति पेटा फ्लाप्स (Peta Flops) में मापी जा रही है। (1 Peta Flops = 1015 Flops). 
 
            विश्व के प्रथम सुपर कम्प्यूटर के निर्माण का श्रेय अमेरिका के क्रे रिसर्च कम्पनी (Cray Research Company) को जाता है जिसकी स्थापना Seymour Cray ने की थी। सुपर कम्प्यूटर के क्षेत्र में सर्वाधिक योगदान के लिए Seymour Cray को सुपर कम्प्यूटर का जन्मदाता (Father of Super Computer) कहा जाता है।

चित्र : सुपर कम्‍प्‍यूटर प्रारूप
 
 
उपयोग : सुपर कम्प्यूटर का उपयोग अनेक क्षेत्रों में किया जा है। जैसे-वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में अनुसंधान और डिजाइन के लिए; पेट्रोलियम उद्योग में तेल के भंडारों का पता लगाने के लिए; वायुयान और आटोमोबाइल उद्योग में डिजाइन तैयार करने में; अंतरिक्ष अनुसंधान में; मौसम विज्ञान में मौसम का पूर्वानुमान लगाने में; रक्षा क्षेत्र में; कम्प्यूटर पर परमाणु भट्ठियों के
सबक्रिटिकल परीक्षण करने में, आदि।
 
भारत में सुपर कम्प्यूटर (Super Computer in India) : भारत में 'परम' सीरीज के सुपर कम्प्यूटर का निर्माण सी-डैक (C-DAC-Centre for Development of Advanced Computing), पुणे द्वारा किया गया है। ‘परम-8000' सी-डैक द्वारा विकसित पहला सुपर कम्प्यूटर था जिसका निर्माण 1991 में किया गया था। इसके निर्माण का श्रेय सी-डैक के निदेशक डॉ. विजय भास्कर को जाता है। ‘परम पद्म' सुपर कम्प्यूटर का निर्माण 2003 में किया गया जिसकी गणना क्षमता 1 टेरा फ्लाप्स (1 Tera = 1012) यानि 1 खरब गणना प्रति सेकेण्ड थी। ‘परम युवा-II' सुपर कम्प्यूटर का निर्माण 2013 में किया गया जो सी-डैक द्वारा विकसित सबसे तेज सुपर कम्प्यूटर है। इसकी गणना क्षमता 500 टेरा फ्लाप्स (T Flops) है। इस तरह के सुपर कम्प्यूटर विश्व के कुल पांच देशों-अमेरिका, जापान, चीन, इजराइल और भारत के पास ही उपलब्ध है। 'अनुपम' सीरीज के सुपर कम्प्यूटर का विकास बार्क (BARC-Bhabha Atomic Research Centre) मुम्बई द्वारा किया गया है। TH (PACE-Processor for Aerodynamic Computation and Evaluation) सीरीज के सुपर कम्प्यूटर का निर्माण अनुराग (ANURAG-Advanced Numerical Research and Analysis Group) हैदराबाद द्वारा डीआरडीओ (DRDO-Defence Research and Development Organization) के लिए किया गया। भारत के प्रथम सुपर कम्प्यूटर 'फ्लोसाल्वर' (Flosalver) का विकास नाल (NAL-National Aeronautical Lab), बंगलुरू द्वारा 1980 में किया गया था।

मजेदार तथ्‍य
आईबीएम (IBM) के डीप ब्लू (Deep Blue) कम्प्यूटर ने शतरंज के विश्व चैंपियन गैरी कास्परोव को पराजित किया था। यह १ सेकेण्ड में शतरंज की २० करोड़ चालें सोच सकता है।

 
 

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