मॉनीटर (Monitor) मॉनीटर
पर्सनल कम्प्यूटर में प्रयुक्त एक लोकप्रिय आउटपुट डिवाइस है जो साफ्ट
कॉपी आउटपुट प्रदान करता है। मानीटर कम्प्यूटर में चल रहे कार्यों को
दर्शाता है तथा उपयोगकर्ता और कम्प्यूटर के बीच संबंध स्थापित करता है।
मल्टीमीडिया में एनीमेशन (Animation), चलचित्र (Movie), छाया चित्र
(Image), रेखाचित्र (Graphics) तथा वीडियो आदि के लिए मॉनीटर का होना
आवश्यक है। की-बोर्ड पर टाइप किया जाने वाला डाटा भी मॉनीटर स्क्रीन पर
प्रदर्शित होता है।
जीयूआई (GUI-Graphical User Interface) के बढ़ते प्रचलन के कारण मॉनीटर के बिना पर्सनल कम्प्यूटर की कल्पना बेमानी है। आजकल पर्सनल कम्प्यूटर के लिए एलसीडी (LCD-Liquid Crystal Display) या एलईडी (LED-Light Emitting Diode) मॉनीटर का प्रयोग हो रहा है।
जीयूआई (GUI-Graphical User Interface) के बढ़ते प्रचलन के कारण मॉनीटर के बिना पर्सनल कम्प्यूटर की कल्पना बेमानी है। आजकल पर्सनल कम्प्यूटर के लिए एलसीडी (LCD-Liquid Crystal Display) या एलईडी (LED-Light Emitting Diode) मॉनीटर का प्रयोग हो रहा है।
माउस (Mouse) यह
एक लोकप्रिय इनपुट डिवाइस है जिसे प्वाइंटिंग डिवाइस भी कहा जाता है। इसे
कम्प्यूटर कैबिनेट के पिछले भाग में बने सीरियल पोर्ट द्वारा मदरबोर्ड से
जोड़ा जाता है। ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) के बढ़ते उपयोग ने माउस को एक
लोकप्रिय इनपुट डिवाइस बना दिया है।
की-बोर्ड (Key Board) की-बोर्ड एक महत्त्वपूर्ण इनपुट डिवाइस है जिसका उपयोग में अक्षरों तथा अंकों (Alphanumeric data) को डालने में किया जाता है। वर्ड प्रोसेसिंग तथा स्प्रेडशीट साफ्टवेयर के लिए की-बोर्ड का प्रयोग आवश्यक हो जाता है। की-बोर्ड की सहायता से कम्प्यूटर को जरूरी निर्देश भी दिए जा सकते हैं। माउस खराब हो जाने पर की-बोर्ड को माउस की जगह प्रयोग किया जा सकता है। पर्सनल कम्प्यूटर के साथ 104 बटन वाले 'QWERTY' की-बोर्ड का प्रयोग किया जाता है। विंडोज आपरेटिंग सिस्टम के साथ प्रयोग होने वाले की-बोर्ड में कुछ विशेष बटन भी हो सकते हैं। की-बोर्ड को कम्प्यूटर कैबिनेट के पीछे लगे PS-2 पोर्ट के जरिए मदरबोर्ड से जोड़ा जाता है।
स्पीकर (Speaker) पर्सनल कम्प्यूटर का प्रयोग मल्टीमीडिया के साथ करने के लिए वाह्य स्पीकर (External Speaker) का होना आवश्यक है। यह साफ्ट कॉपी प्रस्तुत करने वाला एक आउटपुट डिवाइस है। इसके लिए कम्प्यूटर में साउण्ड कार्ड (Sound Card) का होना जरूरी है। स्पीकर की क्षमता पीएमपीओ (PM PO) में मापी जाती है।
प्रिंटर (Printer) यह पर्सनल कम्प्यूटर का एक ऐच्छिक अंग है। यह हार्ड कॉपी आउटपुट प्रदान करने वाला आउटपुट डिवाइस है। इसके द्वारा मॉनीटर पर प्रदर्शित होने वाले डाक्यूमेंट या चित्र को कागज पर प्रिंट किया जा सकता है। प्रिंटर को सिस्टम यूनिट के पीछे बने पैरालेल पोर्ट के जरिए मदरबोर्ड से जोड़ा जाता है।
स्कैनर (Scanner) यह ऐच्छिक इनपुट डिवाइस है जिसका उपयोग ग्राफ या चित्र को बाइनरी डाटा में बदलकर कम्प्यूटर में डालने के लिए किया जाता में
है।
है।
मॉडेम (Modem) यह Modulator - Demodulator का संक्षिप्त रूप है। पीसी को टेलीफोन लाइन के सहारे नेट के साथ जोड़ने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। यह टेलीफोन लाइन पर आने वाली एनालॉग संकेतों को डिजिटल संकेतों में बदलकर कम्प्यूटर को देता है तथा कम्प्यूटर द्वारा उत्पन्न डिजिटल संकेतों को एनालॉग संकेत में बदलकर लाइन पर भेजता है।
यूपीएस (UPS-Uninterrupted Power Supply) बिजली की सप्लाई बंद हो जाने पर कम्प्यूटर अचानक बंद या ऑफ (Off) हो जाता है। इससे कम्प्यूटर का हार्ड डिस्क खराब होने का खतरा बना रहता है तथा सेव (Save) नहीं किया गया डाटा भी नष्ट हो जाता है। इससे बचने के लिए यूपीएस का प्रयोग किया जाता है। यूपीएस में एक रीचार्जेबल बैटरी होती है जो कम्प्यूटर को लगातार सप्लाई देती रहती है। इसे विद्युत सप्लाई से चार्ज किया जाता है। जब बैटरी की क्षमता कम होने लगती है तो यूपीएस बीप की ध्वनि द्वारा संकेत देकर उपयोगकर्ता को कम्प्यूटर बंद करने के लिए चेतावनी देता है।
सीवीटी (CVT-Constant Voltage Transformer) इसका प्रयोग घरेलू सप्लाई में होने वाले वोल्टेज के उतार चढ़ाव को रोकने के लिए किया जाता है ताकि कम्प्यूटर को एक समान बिजली मिलती रहे।
सिस्टम यूनिट का अगला भाग (FrontPartofSystemUnit) पर्सनल कम्प्यूटर के सिस्टम यूनिट के अगले हिस्से में होता
(a) सीडी/डीवीडी ड्राइव (CD/DVD Drive) : इसका प्रयोग सीडी/डीवीडी में स्टोर की गई सूचना को पढ़ने या उसे लिखने के लिए किया जाता है। इसके साथ सीडी/डीवीडी ट्रे को अंदर/बाहर करने के लिए इजेक्ट बटन (Eject button), आवाज नियंत्रण नॉब (Volume Control Knob), हेडफोन के लिए जैक (Jack) तथा सीडी/डीवीडी के प्रयोग को दर्शाने वाली एलइडी (LED) होता है।
(b) रीसेट बटन (Reset Button) : कम्प्यूटर को पॉवर सप्लाई बंद किये बिना फिर से चालू (Re-Start) करने के लिए प्रयुक्त।
(c) फ्लापी डिस्क ड्राइव (Floppy Disk Drive) : फ्लापी की सूचना को पढ़ने या उस पर नई सूचना डालने के लिए प्रयुक्त। इसमें फ्लापी को बाहर निकालने के लिए एक पुश बटन तथा फ्लापी के उपयोग को दर्शाने के लिए एक एलईडी (LED) रहता है।
(d) पॉवर बटन (Power Button) : इस बटन द्वारा कम्प्यूटर के पावर सप्लाई यूनिट को बिजली की सप्लाई चालू या बंद किया जाता है। इसके साथ एक एलईडी (LED) रहता है जो पावर ऑन होने की स्थिति में जलता है।
e) यूएसबी पोर्ट (USB Port) : यूएसबी पोर्ट के बढ़ते प्रयोग के कारण सिस्टम यूनिट के अगले भाग में एक या दो यूएसबी पोर्ट का जैक लगाया जाता है। इसका प्रयोग पेन ड्राइव या कोई अन्य उपकरण जोड़ने के लिए किया जाता है।
सिस्टम यूनिट का पिछला भाग (Back Side of System Unit)
(a) पॉवर साकेट (Power Sockets) : सिस्टम यूनिट को सप्लाई से जोड़ने तथा मानीटर को सिस्टम यूनिट से सप्लाई देने के लिए प्रयुक्त।
(b) सीरियल पोर्ट (Serial Port) : डाटा को क्रमानुसार इनपुट करने वाले उपकरणों को जोड़ने के लिए। जैसे- माउस, माडेम आदि। सीरियल पोर्ट एक बार में एक बिट डाटा का स्थानान्तरण करते हैं तथा RS-232 स्टैडर्ड का अनुपालन करते हैं।
(c) पैरालेल पोर्ट (Parallel Port) : डाटा को समानान्तर क्रम में स्थानान्तरित करने के लिए। इस पोर्ट से प्रिंटर, आदि को जोड़ा जाता है। इसकी गति सीरियल पोर्ट से अधिक होती है।
(d) यूएसबी (USB-Universal Serial Bus) पोर्ट : यह किसी भी डिवाइस, जैसे माउस, प्रिंटर, पेन ड्राइव आदि को सिस्टम यूनिट से जोड़ता है।
(e) मॉनीटर पोर्ट (Monitor Port) : मॉनीटर को सिस्टम यूनिट से जोड़ने के लिए। इसे वीजीए (VGA-Video Graphis Array) पोर्ट भी कहते हैं।
(1) पीएस-2 (PS-2-Plug Station-2) पोर्ट : पीएस-2 पोर्ट के जरिए की-बोर्ड तथा माउस को कम्प्यूटर मदरबोर्ड से जोड़ा जाता है। यह गोल आकार का 6 पिन का पोर्ट है। माउस के लिए हरे रंग के PS-2 पोर्ट का प्रयोग होता है जबकि की-बोर्ड के लिए बैगनी रंग के पोर्ट का प्रयोग होता है।
(g) ऑडियो जैक (Audio Jack) : वाह्य स्पीकर, हेडफोन या माइक को जोड़ने के लिए।
(h) एससीएसआई पोर्ट (SCSI-Small Computer System Interface) : बाहरी हार्ड डिस्क, डीवीडी या स्कैनर को जोड़ने के लिए।
(i) नेटवर्क पोर्ट (Network Port) : कम्प्यूटर को किसी अन्य कम्प्यूटर के साथ जोड़ने के लिए। इसे RJ-45 कनेक्टर या LAN या इथरनेट पोर्ट भी कहा जाता है। इसका प्रयोग कम्प्यूटर को टेलीफोन लाइन के जरिए नेटवर्क से जोड़ने के लिए भी किया जाता है।
(j) सिस्टम यूनिट के पिछले भाग में पावर सप्लाई यूनिट को ठंडा करने के लिए लगाया गया पंखा (Fan) भी होता है।
1 टिप्पणी:
jankari satig hai....
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