1. पर्सनल कम्प्यूटर का विकास
(Development of Personal Computer)
1970 में माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor) के विकास ने माइक्रो कम्प्यूटर को जन्म दिया। 1981 में आईबीएम (IBM-International Business Machine) नामक कम्पनी ने पर्सनल कम्प्यूटर का निर्माण किया जिसे आईबीएम-पीसी कहा गया। बाद में बनने वाले पीसी आईबीएम पीसी कॉम्पैटिबल (IBM PCCompatible) कहलाये, अर्थात वे कार्य और क्षमता में आईबीएम पीसी जैसे ही हैं तथा उन पर वे सभी कार्यक्रम चलाए जा सकते हैं जो आईबीएम पीसी पर चलते हैं।
पर्सनल कम्प्यूटर व्यक्तिगत उपयोग के लिए बनाए गए डिजिटल कम्प्यूटर हैं, जिस पर एक बार में एक ही व्यक्ति (Single User) कार्य कर सकता है। इसे ऑफिस कार्य, डाटाबेस तैयार करने, ईमेल भेजने, इंटरनेट से जुड़ने, वीडियो गेम खेलने, संगीत व चलचित्र देखने आदि के लिए प्रयोग किया जाता है। पर्सनल कम्प्यूटर को मॉडेम (Modem) तथा संचार माध्यम द्वारा नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है। पर्सनल कम्प्यूटर के लिए मल्टीटास्किंग आपरेटिंग साफ्टवेयर (Multitasking Operating Software) का प्रयोग किया जाता है। वर्तमान में प्रचलित पर्सनल कम्प्यूटर को मदरबोर्ड की डिजाइन के आधार पर इस प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है-
(i) पीसी-एटी (PC-AT - Personal Computer Advanced Technology)
(ii) पीसी-एटीएक्स (PC-ATX - Personal Computer Advanced Technology Extanded)
(iii) पेंटियम पीसी (Pentum PC)
2. पीसी के घटक (Parts of Personal Computer)
वर्तमान पीसी के आवश्यक घटक हैं-
(i) सिस्टम यूनिट (System Unit)
(ii) मॉनीटर (Monitor) या वीडीयू (VDU)
(iii) की-बोर्ड (Key Board)
(iv) माउस (Mouse)
(v) हार्ड डिस्क (Hard Disk Drive)
मल्टीमीडिया के प्रयोग के लिए कुछ आवश्यक घटक हैं-
(i) सीडीरॉम ड्राइव (CD ROM Drive)
(ii) स्पीकर (Speaker)
(iii) 4156 (Mike)
(iv) माडेम (Modem)
(v) वेब कैम (Web Cam)
पीसी के कुछ ऐच्छिक घटक हैं-
(1) प्रिंटर (Printer)
(ii) फ्लापी ड्राइव (Floppy Drive)
(iii) स्कैनर (Scanner)
(iv) ज्वॉस्टिक (Joystick)
कम्प्यूटर को निर्वाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने के लिए घटक हैं-
(i) यूपीएस (UPS-Uninterrupted Power Supply)
(ii) सीवीटी (CVT-Constant Voltage Transformer)
3. सिस्टम यूनिट (System Unit)
यह पीसी का मुख्य भाग है। कम्प्यूटर द्वारा किये जाने वाले विभिन्न कार्य यहीं संचालित होते हैं। यह विभिन्न सिस्टम साफ्टवेयर और अप्लिकेशन साफ्टवेयर द्वारा नियंत्रित किया जाता है। पीसी के अन्य सभी घटक इसी से जुड़े रहते हैं।
वाह्य संरचना के आधार पर यह दो प्रकार का होता है-
(i) डेस्कटॉप टाइप (Desktop Type) : इसमें सिस्टम यूनिट का चौकोर बाक्स टेबल पर पड़ा रहता है तथा मॉनीटर उसके ठपर रखा जाता है।
(ii) टावर टाइप (Tower Type) : इसमें सिस्टम यूनिट का बाक्स टेबल पर सीधा खड़ा रहता है तथा मॉनीटर उसके बगल में रखा जाता है। वर्तमान में यह अधिक प्रचलित है।
3.1. कम्प्यूटर कैबिनेट (Computer Cabinet) कम्प्यूटर कैबिनेट प्लास्टिक या एल्युमिनियम का बना एक बक्सा होता है। कम्प्यूटर सिस्टम यूनिट के सभी घटक इसी केस के अंदर स्थापित किए जाते हैं। यह सिस्टम यूनिट के बाहरी संरचना का निर्माण करता है।
3.2. सिस्टम यूनिट के मुख्य घटक (Main Parts of System Unit)
(a) पॉवर सप्लाई यूनिट (Power Supply Unit) : इसे घरेलू बिजली से 220VAC सप्लाई दी जाती है जिसे यह कम्प्यूटर में प्रयोग के लिए + 5 वोल्ट और 12 वोल्ट DC सप्लाई में बदल देता है। कम्प्यूटर के इलेक्ट्रॉनिक घटकों को + 5 V सप्लाई दी जाती है जबकि इसके मोटर, पंखे आदि को 12 वोल्ट की सप्लाई दी जाती है। यह कम्प्यूटर को उच्च व निम्न वोल्टेज की गड़बड़ियों से बचाता है। इसे वायु के सहारे ठंडा (Air Cooled) करने के लिए बिजली का एक पंखा (Fan) लगा रहता है। आजकल एसएमपीएस (SMPS- Switch Mode Power Supply) का प्रयोग किया जा रहा है।
(b) मदरबोर्ड (Mother Board) : यह प्लास्टिक का बना पीसीबी (PCB-Printed Ciruit Board) होता है। धातु की पतली रेखाओं द्वारा यह दो उपकरणों के बीच संबंध स्थापित करता है। यह
कम्प्यूटर का मुख्य पटल (Main Board) होता है। संपूर्ण कम्प्यूटर मदरबोर्ड के इर्द-गिर्द ही घूमता है। सिस्टम यूनिट के सभी उपकरण मदरबोर्ड से ही जुड़े होते हैं। मदरबोर्ड पर माइक्रोप्रोसेसर लगाने का स्थान भी बना रहता है। इस पर बनी धातु की पतली रेखाएं, जिनके माध्यम से मदरबोर्ड पर बने विभिन्न उपकरणों के बीच संकेतों का आदान-प्रदान होता है, बस बार (Bus Bar) कहलाते हैं।
(c) सीपीयू (CPU-Central Processing Unit) : इसे माइक्रो प्रोसेसर (Micro Processor) भी कहा जाता है। यह एक चिप होता है जो कम्प्यूटर के विभिन्न उपकरणों का नियंत्रण तथा समन्वय करता है। कार्यों को नियंत्रित करने के लिए इसमें कंट्रोल यूनिट (Control Unit) तथा अंकगणितीय गणनाओं और कुछ लॉजिकल कार्यों के लिए अरिथमैटिक लॉजिक यूनिट (Arithmetic
Logic Unit-ALU) रहता है। कम्प्यूटर की मुख्य मेमोरी जैसे- सेमी कंडक्टर रजिस्टर तथा कैश (Cache) मेमोरी सीपीयू के अंदर ही निर्मित होते हैं।
(d) मैथ कोप्रोसेसर (Math Coprocessor) : गणित कार्यों को करने तथा सीपीयू की सहायता के लिए मैथ को-प्रोसेसर का उपयोग किया जाता है। नये माइक्रो प्रोसेसर में इसे अलग से लगाने की जरूरत नहीं होती।
(e) रैम चिप (RAM Chip) : सिस्टम यूनिट के मदरबोर्ड पर रैम चिप लगाने के खाके बने रहते हैं, जिनमें आवश्यकतानुसार रैम चिप लगाये जा सकते हैं। यहां कार्य के दौरान डाटा व प्रोग्राम को अस्थाई तौर पर रखा जाता है।
(1) रॉम चिप (ROM Chip) : निर्माण के समय ही इसमें डाटा डालकर पीसी के मदरबोर्ड पर स्थायी तौर पर लगा दिया जाता है। इस चिप में ऐसे डाटा और प्रोग्राम रखे जाते हैं जिनकी आवश्यकता
पीसी को चालू करते ही पड़ती है। बायोस (BIOS-Basic Input output System) साफ्टवेयर
स्थायी रॉम चिप में ही स्टोर किया जाता है।
(g) वीडियो डिस्प्ले कार्ड (Video Display Card) : दृश्य (Video) तथा चित्र (Graphics) को मॉनीटर पर दिखाने के लिए यह कार्ड मदरबोर्ड पर लगाया जाता है। इसमें वीजीए (VGA-Video GraphicsArray) या एसवीजीए (SVGA-Super Video
Graphics Array) का प्रयोग किया जाता है।
(h) साउण्ड कार्ड (Sound Card) : मल्टीमीडिया में ध्वनि के डिजिटल सूचनाओं को विद्युत संकेतों में बदलने के लिए इस कार्ड को मदरबोर्ड पर बने खाके में लगाया जाता है। बाहरी स्पीकर (External Speaker) इसी कार्ड से जुड़ा रहता है।
(i) डिस्क ड्राइव कंट्रोल कार्ड (Disk Drive Control Card) : यह कार्ड फ्लापी तथा हार्ड डिस्क ड्राइव की मोटरों तथा उनसे डाटा के आने-जाने पर नियंत्रण के लिए मदरबोर्ड पर लगाया जाता है।
(j) आउटपुट एडॉप्टर कार्ड (Output Adapter card) : यह मेमोरी तथा आउटपुट डिवाइस (मानीटर व प्रिंटर) के बीच समन्वय का कार्य करता है। यह बाइनरी डाटा व सूचना को मानीटर या प्रिंटर के समझने योग्य बनाता है।
(k) स्पीकर (Speaker) : सिस्टम यूनिट के अंदर कुछ ध्वनि संकेत उत्पन्न करने के लिए स्पीकर लगा रहता है
(1) टाइमर (Timer) : यह मदरबोर्ड पर लगा रहता है तथा घड़ी की तरह कार्य करता है। इसे एक बटन बैटरी से सप्लाई दी जाती है ताकि कम्प्यूटर बंद हो जाने पर भी घड़ी कार्य करती रहे।
(m) एक्सपैंशन स्लाट (Expansion Slot) : मदरबोर्ड पर किसी अन्य उपकरण को जोड़ने या भविष्य में प्रयोग के लिए खाने बने रहते हैं जिन्हें एक्सपैंशन स्लाट कहते हैं।
(n) पीसीआई (PCI- Peripheral Component Interconnect) : यह कम्प्यूटर मदरबोर्ड पर बना स्लाट है जिसके द्वारा नेटवर्क, ग्राफिक्स या साउण्ड कार्ड लगाया जाता है। यह डिवाइस को कम्प्यूटर
मेमोरी से जोड़ता है।
(O) यूएसबी (Universal Serial Bus) : यह कम्प्यूटर तथा उसके किसी उपकरण (device) के बीच संचार स्थापित करने की एक व्यवस्था है। चूंकि इस व्यवस्था द्वारा लगभग सभी कम्प्यूटर उपकरणों जैसे- माउस, की-बोर्ड, प्रिंटर, डिजिटल कैमरा, द्वितीयक मेमोरी आदि को सीपीयू से जोड़ा जा सकता है, अतः इसे Universal Serial Bus कहा जाता है। इसका प्रयोग कम्प्यूटर के अलावा अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरणों में भी लोकप्रिय हो रहा है। इसी कारण, आजकल पर्सनल कम्प्यूटर में एक से अधिक यूएसबी पोर्ट होते हैं।
इसकी मुख्य विशेषता यह है कि कम्प्यूटर को बिना रीस्टार्ट किए किसी नए डिवाइस को कम्प्यूटर के साथ जोड़कर उसका प्रयोग किया जा सकता है। इसे प्लग एंड प्ले (Plug and Play) का गुण कहा जाता है।
(p) सी मॉस (C-MOS-Complementary MetalOxide Semiconductor) चिप : सी मॉस चिप मेमोरी कम्प्यूटर मदरबोर्ड पर स्थापित किया जाता है। इसके साथ बटन के आकार का एक बैटरी लगा रहता है जो कम्प्यूटर बंद होने पर भी सीमॉस चिप को पॉवर सप्लाई प्रदान करता है।
(q) एजीपी बस (Accelerated Graphic Port Bus) : एजीपी बस का प्रयोग त्रिविमीय चित्रों (3 Dimentional Pictures), ग्राफिक्स तथा चलचित्र (Motion Videos) के लिए किया जाता है। यह उच्च गति वाले वीडियो कार्ड को मदरबोर्ड से जोड़ता है।
4. हार्ड डिस्क तथा हार्ड डिस्क ड्राइव
(Hard Disk and Hard Disc Drive)
हार्ड डिस्क पर्सनल कम्प्यूटर का एक मुख्य घटक है। यह एक प्रमुख सहायक (Secondary) स्टोरेज डिवाइस है जो डाटा और प्रोग्राम को संग्रहित रखता है। इसकी स्टोरेज क्षमता बड़ी होती है। कम्प्यूटर का आपरेटिंग सिस्टम, विभिन्न अप्लिकेशन साफ्टवेयर तथा डाटा और सूचनाएं हार्ड डिस्क में ही स्टोर की जाती हैं। यह एक स्थायी (Non Volatile) मेमोरी है जिसमें सप्लाई बंद कर देने पर भी संग्रहित डाटा नष्ट नहीं होता। हार्ड डिस्क ड्राइव की सहायता से हार्ड डिस्क में संग्रहित डाटा को पढ़ा जा सकता है, उसमें परिवर्तन
किया जा सकता है तथा नया डाटा या साफ्टवेयर स्टोर भी किया जा सकता है। इसे कम्प्यूटर कैबिनेट के भीतर रखा जाता है तथा मदरबोर्ड से जोड़ा जाता है।
पर्सनल कम्प्यूटर में हार्ड डिस्क तथा हार्ड डिस्क ड्राइव को एक यूनिट की तरह एक प्रदूषण रहित डिब्बे में सील बंद कर दिया जाता है जिसे विंचेस्टर डिस्क (Winchester Disc) कहा जाता है। पर्सनल कम्प्यूटर में प्रयुक्त हार्ड डिस्क की स्टोरेज क्षमता जीबी (GB-Giga Byte) में आंकी जाती है।
5. फ्लापी डिस्क ड्राइव (Floppy Disk Drive) फ्लॉपी डिस्क एक पोर्टेबल चुंबकीय मेमोरी डिवाइस है जिसे फ्लापी डिस्क ड्राइव में डालकर पढ़ा जा सकता है, उसके डाटा में परिवर्तन किया जा सकता है तथा नया डाटा स्टोर किया जा सकता है। नये मेमोरी डिवाइस के आविष्कार से पर्सनल कम्प्यूटर में फ्लापी डिस्क ड्राइव का प्रयोग कम हो रहा है।
6. सीडी/डीवीडी ड्राइव (CD/DVD Drive) सीडी या डीवीडी ड्राइव पर्सनल कम्प्यूटर का एक अभिन्न अंग बन गया है। सीडी (Compact Disc) तथा डीवीडी (Digital Video Disc) आप्टिकल डिस्क के ही रूप हैं। इन्हें सीडी/डीवीडी ड्राइव में डालकर स्टोर की गयी सूचना को पढ़ा जा सकता है। सीडी ड्राइव की गति को एक नंबर और उसके बाद अक्षर X से दर्शाया जाता है। जैसे-8X,56X आदि। सीडी/डीवीडी के डाटा में परिवर्तन करने या नया डाटा स्टोर करने के लिए लिखने योग्य ड्राइव का प्रयोग किया जाता है जिसे सीडी/डीवीडी राइटर (CD/ DVD Writer) कहते हैं। चूंकि डीवीडी नये किस्म का आप्टिकल डिस्क है, अतः डीवीडी ड्राइव सीडी के डाटा को पढ़ सकता है,
परंतु सीडी ड्राइव डीवीडी के डाटा को नहीं पढ़ सकता।
अपनी विशाल स्टोरेज क्षमता (650 MB या अधिक) के कारण सीडी/डीवीडी का उपयोग वीडियो डाटा तथा चलचित्र (Motion Picture) को स्टोर करने के लिए किया जा रहा है। इस
कारण, पर्सनल कम्प्यूटर मनोरंजन का एक बेहतर साधन बनता जा रहा हैा
7. मॉनीटर (Monitor) मॉनीटर पर्सनल कम्प्यूटर में प्रयुक्त एक लोकप्रिय आउटपुट डिवाइस है जो साफ्ट कॉपी आउटपुट प्रदान करता है। मानीटर कम्प्यूटर में चल रहे कार्यों को दर्शाता है तथा उपयोगकर्ता और कम्प्यूटर के बीच संबंध स्थापित करता है। मल्टीमीडिया में एनीमेशन (Animation), चलचित्र (Movie), छाया चित्र (Image), रेखाचित्र (Graphics) तथा वीडियो आदि के लिए मॉनीटर का होना आवश्यक है। की-बोर्ड पर टाइप किया जाने वाला डाटा भी मॉनीटर स्क्रीन पर प्रदर्शित होता है।
जीयूआई (GUI-Graphical User Interface) के बढ़ते प्रचलन के कारण मॉनीटर के बिना पर्सनल कम्प्यूटर की कल्पना बेमानी है। आजकल पर्सनल कम्प्यूटर के लिए एलसीडी (LCD-Liquid Crystal Display) या एलईडी (LED-Light Emitting Diode) मॉनीटर का प्रयोग हो रहा है।
8. माउस (Mouse) यह एक लोकप्रिय इनपुट डिवाइस है जिसे प्वाइंटिंग डिवाइस भी कहा जाता है। इसे कम्प्यूटर कैबिनेट के पिछले भाग में बने सीरियल पोर्ट द्वारा मदरबोर्ड से जोड़ा जाता है। ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) के बढ़ते उपयोग ने माउस को एक लोकप्रिय इनपुट डिवाइस बना दिया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें