सुपर कम्प्यूटर
* एक विशेष प्रकार का कम्प्यूटर है, जो कि सामान्य कम्प्यूटरों से लाखों गुना
अधिक तेजी से गणनाएं कर सकने में समर्थ होता है। सुपर कम्प्यूटर एवं आम
कम्प्यूटरों में सबसे मुख्य अंतर उसकी स्पीड को लेकर ही होता है। इसमें भी आम
कम्प्यूटरों की भांति ही दो भाग होते हैं-
(i) सीपीयू (CPU), जो किसी 'कमांड' पर आदेश का पालन करता है अर्थात् उस
कमांड को एक्जीक्यूट करता है।
(ii) मेमोरो (Memory), जो आंकड़ों (समंकों) को संग्रहित करता है।
* सुपर कम्प्यूटरों की स्पीड बढ़ाने हेतु दो प्रक्रियाएं अपनायी जाती हैं-
(a) पाइपलाइनिंग (Pipelining), एवं
(b) पैरेलिज्म (Parellism)।
*सभी सुपर कम्प्यूटर स्पीड संबंधी अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप प्रथम अथवा द्वितीय प्रक्रिया का अलग-अलग अथवा साथ-साथ प्रयोग करते हैं। आजकल एमपीपी प्रक्रिया (MPP : Massively Parallel Processing) आधारित सुपर कम्प्यूटरों का प्रचलन है।
*सुपर कम्प्यूटरों की स्पीड को FLOPS (Floating Point Operations Per Second) के रूप में मापा जाता है। इसकी अन्य इकाइयां मेगाफ्लॉप्स (MFLOPS). गीगाफ्लॉप्स (GFLOPS) एवं टेराफ्लॉप्स (TFLOPS) हैं।
* सुपर कम्प्यूटरों का उपयोग मौसम संबंधी भविष्यवाणी करने, उपग्रहों के प्रक्षेपण (Simulation), प्राकृतिक स्रोतों के अन्वेषण एवं खोज, नेटवर्किंग, आण्विक प्ररूपण (दवाओं आदि का विकास), एनीमेशन, रक्षा क्षेत्र में नाभिकीय विस्फोटों के अनुरूपण तथा नाभिकीय अस्त्रों के निर्माण आदि में होता है।
*भारत में सुपर कम्प्यूटरों के विकास की जिम्मेदारी पुणे स्थित सी-डैक (Centre for Development of Advance Computing : C-DAC) को दी गयी है। इसके द्वारा
परम 6,000; परम 6,600; परम 9,000 एवं परम 10,000 जैसे सुपर कम्प्यूटरों का विकास किया जा चुका है।