चतुर्थ पीढ़ी के कम्प्यूटर
- * चतुर्थ पीढ़ी के कम्प्यूटरों द्वारा वृहद एकीकृत परिपथों (Large Scale Integrated Circuits : LSIC) का प्रयोग किया गया। सही अर्थों में इस काल को हम Micro-processor युग के रूप में जानते हैं। इस काल में उच्च गति वाले कम्प्यूटर नेटवर्क जैसे लैन (LAN) व वैन (WAN) का विकास हुआ ा
* सामानान्तर कम्प्यूटिंग (Parallel Computing) तथा मल्टीमीडिया का प्रचलन प्रारंभ हुआ। 1981 में आईबीएम (IBM) ने माइक्रो कम्प्यूटर का विकास किया, जिसे पीसी (PC- Personal Computers) कहा गया ।- * पंचम पीढ़ी के कम्प्यूटरों में अति वृहद एकीकृत परिपथों (Vergy Large
Integrated Circuits : VLIC) का प्रयोग हुआ है। VLIC के प्रयोग के चलते ही आज के कम्प्यूटर न सिर्फ अधिक कार्यक्षम एवं विश्वसनीय बन सके हैं, बल्कि इनकी कीमत भी कम आ रही है और इनके द्वारा बिजली की भी अपेक्षाकृत कम खपत हो रही है।
* एकीकृत परिपथ में संग्राहकं (Capacitors), प्रतिरोधक (Resistors), प्रवर्द्धक (Amplifiers) आदि सिलिकॉन के एक ही टुकड़े पर बने होते हैं। मुख्य प्रोग्राम (Main Program) को रोम (ROM : Read Only Memory) में संग्रहित किया जाता है।
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