IAS, UPPCS, UKPCS, CGPCS, CGPSC, RAS, JKPCS, BPSC. MPPCS, CDS, SSC, JUDICIAL, SERVICES, RAILWAY, BANKS, आदि विभिन्न परीक्षाओं हेतु उपयोगी कम्प्यूटर संबंधी थ्योरी/प्रश्न की जानकारी
बुधवार, 31 जनवरी 2024
Mahtari Vandan Yojna CG, महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़
मंगलवार, 30 जनवरी 2024
durg distict court requirement
District Court Durg Recruitment 2023 | जिला न्यायालय दुर्ग में 125 पदों पर भर्ती
District Court Durg Recruitment 2023 जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग छत्तीसगढ़ में Cg Job Alert की खोज कर रहे बेरोजगार महिला पुरुष अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी, दरअसल हाल ही में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट दुर्ग द्वारा जिला स्तर पर स्टेनोग्राफर, सहायक ग्रेड - 03, भृत्य, चौकीदार के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु Cg Sarkari Job नोटिफिकेशन आमंत्रित किया है। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट दुर्ग भर्ती 2023 के लिए योग्य एवं इच्छुक महिला पुरुष अभ्यार्थी विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आवेदन फार्म डाउनलोड करने के पश्चात अपनी संपूर्ण शैक्षणिक योग्यता संबंधित दस्तावेजों के साथ निर्धारित प्रारूप में छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय मूल निवासी विभाग द्वारा निर्धारित पते पर District Court Durg Application Form भेज सकते हैं। District Court Durg Bharti 2023 के अंतर्गत उम्मीदवारों की नियुक्ति साक्षात्कार, मेरिट सूची के आधार पर किया जावेगा साथ ही चयनित होने वाले अभ्यर्थियों को निर्धारित मानदेय के आधार पर प्रतिमाह वेतन भुगतान किया जावेगा। District Court Durg Vacancy की नोटिफिकेशन, आवेदन फार्म, अंतिम तिथि, सिलेबस, चयन प्रक्रिया एवं अन्य महत्वपूर्ण जानकारी नीचे तालिका पर सूचीबद्ध किया गया है।
District Court Durg Jobs 2023 Notification
जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग भर्ती | ||
---|---|---|
विभाग का नाम | जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग छत्तीसगढ़ | |
पद का नाम | स्टेनोग्राफर, सहायक ग्रेड - 03, भृत्य, चौकीदार | |
कुल पद | 125 पद | |
सैलरी | नियमानुसार | |
कैटेगरी | Cg Govt Jobs | |
भर्ती के प्रकार | संविदा भर्ती | |
लेवल | राज्य स्तरीय | |
आवेदन प्रक्रिया | ऑफलाइन | |
नौकरी स्थान | दुर्ग | |
आधिकारिक साइट | durg.gov.in |
District Court Durg Recruitment 2023 Details
पद विवरण :- District Court Durg Bharti 2023 के सपना देख रहे छत्तीसगढ़ राज्य के प्रतिभाशाली महिला पुरुष अभ्यार्थी जो जिला न्यायालय दुर्ग द्वारा जारी किये गये अधिसूचना की पदवार विवरण प्राप्त करना चाहते हैं। अभ्यर्थी नीचे तालिका जांच कर सकते हैं।
पद का नाम | पदों की संख्या | योग्यता |
स्टेनोग्राफर (हिंदी) | 11 | स्नातक, शीघ्रलेखन, DCA |
स्टेनोग्राफर (अंग्रेजी) | 02 | स्नातक, शीघ्रलेखन, DCA |
सहायक ग्रेड 3 | 66 | स्नातक, DCA, टाइपिंग |
भृत्य/दफ्तरी कम फर्राश | 32 | 5वीं पास |
वाहन चालक | 02 | 5वीं पास |
लिफ्टमैन | 01 | 5वीं पास |
स्वीपर | 03 | 5वीं पास |
वाटरमैन | 03 | 5वीं पास |
चौकीदार | 06 | 5वीं पास |
कुल पद | 125 | - |
District Court Durg Qualification
शैक्षणिक योग्यता एवं पात्रता :- Durg District Court Notification 2023 के लिए विभाग द्वारा निर्धारित क्वालीफिकेशन, आयु सीमा विवरण की जानकारी नीचे तालिका पर जांच कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ संविदा भर्ती 2023 के लिए निर्धारित योग्यता एवं District Court Durg Chhattisgarh Job Age Limit की विस्तृत जानकारी के लिए विभागीय विज्ञापन की जांच कर लेवे।
शैक्षिक योग्यता | 10वीं / 12वीं / ग्रेजुएट |
आयु सीमा | 18 - 35 |
आयु में छूट | मानदंडों के अनुसार |
आयु कैलकुलेटर | Age Calculator |
District Court Durg Chhattisgarh Salary
वेतनमान:- जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग में स्टेनोग्राफर, सहायक ग्रेड - 03, भृत्य, चौकीदार पदों पर जिन महिला-पुरुष अभ्यर्थियों का चयन होगा उन अभ्यर्थियों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा निर्धारित मानदेय के आधार पर प्रतिमाह वेतन भुगतान किया जावेगा। जो निम्नानुसार है
District Court Durg Application Fee
आवेदन शुल्क :- दुर्ग संविदा वैकेंसी के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय मूल निवासी जो District Court Durg Application Form सबमिट करना चाहते हैं। वह उम्मीदवार जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग द्वारा निर्धारित माध्यम से आवेदन शुल्क का भुगतान कर सकते हैं। District Court Durg Application Fees का विवरण नीचे तालिका पर जांच कर सकते हैं।
वर्ग का नाम | शुल्क |
सामान्य | - |
ओबीसी | - |
एससी / एसटी | - |
District Court Durg Important Date
महत्वपूर्ण तिथियां :- जिला न्यायालय दुर्ग भर्ती योग्य एवं इच्छुक महिला पुरुष अभ्यार्थी 9 जून 2023 से 30 जून 2023 तक आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। District Court Durg Chhattisgarh Bharti की तिथि एवं अन्य जानकारी नीचे तालिका पर जांच कर सकते हैं।
अधिसूचना दिनांक | 09/06/2023 |
आवेदन शुरू तिथि | 09/06/2023 |
अंतिम तिथि | 26/06/2023 |
स्थिति | अधिसूचना जारी |
How to Apply District Court Durg Application Form
आवेदन प्रक्रिया :- जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग भर्ती के लिए योग्य एवं इच्छुक उम्मीदवार डिस्ट्रिक्ट कोर्ट दुर्ग की ऑफिशल वेबसाइट durg.gov.in पर जाकर आवेदन फार्म डाउनलोड करने के पश्चात अपनी संपूर्ण शैक्षणिक योग्यता संबंधित दस्तावेजों के साथ निर्धारित प्रारूप में विभाग द्वारा निर्धारित पते पर पंजीकृत डाक स्पीड पोस्ट के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय मूल निवासी आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
Cg New Vacancy Required Documents
छत्तीसगढ़ गवर्नमेंट जॉब के लिए आवश्यक दस्तावेज |
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1. एजुकेशन सर्टिफिकेट |
2. पहचान पत्र |
3. जाति प्रमाण पत्र |
4. निवास प्रमाण पत्र |
5. जन्म तिथि प्रमाण पत्र |
6. पासपोर्ट साइज फोटो |
7. रोजगार पंजीयन प्रमाण पत्र |
District Court Durg Selection Process
चयन प्रक्रिया :-जिला न्यायालय दुर्ग छत्तीसगढ़ भर्ती के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उम्मीदवारों के चयन हेतु नीचे दर्शित प्रक्रिया आयोजित किया जाएगा जिसमें सभी अभ्यार्थियों को सफलता प्राप्त करना अनिवार्य है :- |
» कौशल टेस्ट |
» इंटरव्यू |
» मेरिट सूची |
» दस्तावेज सत्यापन |
जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग भर्ती चयन प्रक्रिया की सम्पूर्ण जानकारी के लिए नीचे District Court Durg Official Notification की भलीभांति जांच कर लेवे। |
विभागीय विज्ञापन / आवेदन फॉर्म
अति आवश्यक सूचना |
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सरकारीप्रेप टीम द्वारा किसी भी उम्मीदवार को जॉब ऑफर या जॉब सहायता के लिए संपर्क नहीं करते हैं। sarkariprep.in कभी भी जॉब्स के लिए किसी उम्मीदवार से शुल्क नहीं लेता है। कृपया फर्जी कॉल या ईमेल से सावधान रहें। किसी भी सहायता के लिए कृपया सरकारीप्रेप ऑफिशियल Twitter पर ट्वीट कर सकते हैं |
*एलईडी मॉनिटर (LED Monitor)* kise kahte hai
सोमवार, 25 जुलाई 2022
Wireless or Chordless Key-Board/Mouse / बेतार की-बोर्ड माउस।। बिना तार वाले माउस ओर की बोर्ड
what is a Optical Mouse# ऑप्टिकल माउस क्या है।
मंगलवार, 29 मार्च 2022
रविवार, 27 मार्च 2022
Acchi aadate✌️ अच्छी आदतें
https://youtu.be/NPPkAYgSQhQ
ये वीडियो बच्चो लोगो को जरूर दिखाए
वीडियो को ज्याफ से ज्यादा शेयर करे लाइक करे और सब्सक्राइब करना न भूले
शनिवार, 26 मार्च 2022
प्रिंटर (Painter) क्या है प्रिंटर के कितने प्रकार होते है। who is the printer
मंगलवार, 22 मार्च 2022
मॉनीटर की गुणवत्ता (Quality of Monitor)
लिक्विड क्रिस्टल डिस्पले किसे कहते है। (LCD-Liquid Crystal display)
मॉनिटर क्या है? (Monitor kya hai)
मॉनिटर का मतलब देखना होता है यानी कि जिस पर हम देखते हैं वही मॉनिटर है। कंप्यूटर में जिसमें देखकर आप काम करते हैं वहीं मॉनिटर है। यह कंप्यूटर का एक output device है, इसे visual display unit (VDU) भी कहा जाता है।
यह एक टीव्ही की तरह होता है। यह आउटपुट डिवाईस है। इसमें विभिन्न प्रकार के सूचनाएं को देखा जाता है एवं इसे टी.व्ही की तरह भी यूज किया जाता है।
मंगलवार, 15 मार्च 2022
Monitor ya VDU-Visual Display Unit, मॉनीटर का वर्गीकरण (Classification of Monitor) ,कैथोड किरण ट्यूब (CRT-Cathode ray tube
मॉनीटर (Monitor) या वीडीयू
(VDU-Visual Display Unit)
यह साफ्ट कॉपी (Soft Copy) प्रदान करने वाला लोकप्रिय आउटपुट डिवाइस है जो डाटा और सूचनाओं को वीडियो आउटपुट (Video Output) के रूप में प्रदर्शित करता है। कम्प्यूटर पर किये जाने वाले प्रत्येक कार्य की सूचना देकर यह कम्प्यूटर और उपयोगकर्ता ।के बीच संबंध स्थापित करता है।
मॉनीटर का वर्गीकरण (Classification of Monitor) : डिस्ले किए गए रंग (Colour) के आधार पर मॉनीटर के तीन प्रकार हो सकते हैं।
(i) मोनोक्रोम मॉनीटर (Monochrome Monitor) : यह मॉनीटर दो रंग में डिस्प्ले प्रदर्शित करता है। मॉनीटर के पृष्ठभूमि में एक रंग होता है जबकि सामने दिखने वाले ऑब्जेक्ट का रंग दूसरा होता है।
(ii) ग्रे स्केल मॉनीटर (Gray Scale Monitor) : यह मोनोक्रोम मॉनीटर का ही एक रूप है जिसमें काले और सफेद (Black and White) रंगों के मिश्रण से कई शेड प्रदर्शित किये जाते हैं।
(iii) कलर मॉनीटर (Colour Monitor) : इसमें तीन मूल रंग- लाल, हरा और नीला का प्रयोग किया जाता है तथा इनके मिश्रण से अन्य रंग प्रदर्शित किए जाते हैं। इसे RGB (Red, Green, Blue) मॉनीटर भी कहा जाता है। यह 16, 32 या 256 रंगों में लाल डिस्पले प्रदर्शित करता है।
तकनीक के आधार पर भी मॉनीटर को तीन श्रेणियों में बांटा जाता है।
कैथोड किरण ट्यूब (CRT-Cathode ray tube
मॉनीटर- यह एक बड़ा ट्यूब होता है जिसमें उच्च वोल्टेज द्वार इलेक्ट्रान बीम को नियंत्रित कर डिसप्ले प्राप्त किया जाता है। यह टीवी स्क्रीन जैसा होता है।
क्या आप जानते हैं?
लेजर (LASER - Light Amplification by Stimulfated Emission of Radiation) एक उच्च क्षमता का प्रकाशीय बीम है। कम्प्यूटर में लेजर बीम का उपयोग आप्टिकल डिस्क, बार कोड रीडर, लेजर प्रिंटर, फाइबर आप्टिक संचार आदि में किया जा रहा है। लेजर का आविष्कार थियोडर मेमैन (Theodore Maiman) ने 1960 में किया था।
गुरुवार, 10 मार्च 2022
प्रमुख आउटपुट डिवाईस निम्न है :-
प्रमुख आउटपुट डिवाईस निम्न है :-
मॉनीटर (Monitors) या वीडीयू (VDU)
प्रिंटर (Printer)
प्लॉटर (Plotter)
स्पीकर (Speaker)
कार्ड रीडर (Card Reader)
टेप रीडर (Tape Reader)
स्क्रीन इमेज प्रोजेक्टर (Screen Image Projector)
इनपुट व आउटपुट डिवाईस//ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्नीशन //लेक्ट्रानिक कार्ड रीडर //डिजिटाइजिंग टैबलेट //आउटपुट डिवाइस /सॉफ्ट कॉपी तथा हार्ड कॉपी आउटपुट
ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्नीशन (Optical Character Recognition)
स्कैनर द्वारा स्कैन किया गया डाक्यूमेंट Bitmap image के रूप में होता है। इसे हम चित्र के रूप में edit कर सकते हैं, पर टेक्स्ट के रूप में नहीं। OCR स्कैन किए गए टेक्स्ट डाक्यूमेंट की पहचान कर उसे वर्ड प्रोसेसिंग टेक्स्ट में बदलता है ताकि उसे कम्प्यूटर में edit किया जा सके। इसके लिए Optical Character Reader तथा OCR Software का प्रयोग किया जाता है।
इलेक्ट्रानिक कार्ड रीडर (ElectronicCard Reader)
इलेक्ट्रानिक कार्ड प्लास्टिक का बना एक छोटा कार्ड है जिसमें एक चिप या चुंबकीय पट्टी (Magnetic Strip) लगा होता है। इस चिप या चुंबकीय पट्टी में डाटा स्टोर किया जाता है जिसे कम्प्यूटर से जुड़े इलेक्ट्रानिक कार्ड रीडर की सहायता से पढ़ा व प्रोसेस किया जा सकता है। बैंकों में ATM के साथ इलेक्ट्रानिक कार्ड का ही प्रयोग किया जाता है।
डिजिटाइजिंग टैबलेट (Digitizing Tablet) यह एक इनपुट डिवाइस है जिसकी सहायता से मैप, रेखाचित्र से तथा स्केच आदि को डिजिटल रूप में बदलकर कम्प्यूटर को इनपुट के रूप में दिया जाता है। बाद में इसे Edit और Print भी किया जा सकता है। डिजिटाइजिंग टैबलेट में एक स्क्रीन तथा एक इलेक्ट्रानिक पेन होता है। इलेक्ट्रॉनिक पेन की सहायता से स्क्रीन पर रेखाचित्र या स्केच बनाये जाते हैं। स्क्रीन का सेंसर इसे डिजिटल संकेतों में बदलकर कम्प्यूटर को इनपुट के रूप में देता है। इसका प्रयोग Computer Aided Design (CAD) में किया जा रहा है।
आउटपुट डिवाइस (Output Devices) एक विद्युत यांत्रिक युक्ति जो कम्प्यूटर द्वारा प्रोसेस किया गया बाइनरी डाटा लेकर उसे उपयोगकर्ता के लिए उपयुक्त डाटा में बदलकर प्रस्तुत करता है, आउटपुट डिवाइस कहलाता है। आउटपुट डिवाइस द्वारा हम डाटा या परिणाम को देख सकते हैं, या उसका प्रिंट ले सकते हैं।
सॉफ्ट कॉपी तथा हार्ड कॉपी आउटपुट (Soft Copy and Hard Copy Output) : कम्प्यूटर आउटपुट को दो भागों में बांटा जा सकता है-सॉफ्ट कॉपी आउटपुट तथा हार्ड
कॉपी आउटपुट।
(i) सॉफ्ट कापी आउटपुट (Soft Copy Output) : यह एक अस्थीय आउटपुट है जिसे हम छू नहीं सकते। सॉफ्ट कॉपी आउटपुट डिजिटल रूप में होता है जिसे हम कम्प्यूटर तथा उचित सॉफटवेयर के बिना पढ़ व देख नहीं सकते। सॉफ्ट कॉपी आउटपुट को इलेक्ट्रानिक मेमोरी में स्टोर किया जाता है तथा नेटवर्क पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा सकता है। सॉफ्ट कॉपी आउटपुट में परिवर्तन करना आसान होता है। इसमें कागज तथा स्याही की बचत होती है। मॉनीटर तथा स्पीकर द्वारा प्रस्तुत आउटपुट सॉफ्ट कॉपी आउटपुट के उदाहरण हैं।
(ii) हार्ड कॉपी आउटपुट (Hard Copy Output) : यह कागज पर प्रस्तुत स्थायी परिणाम है जिसे हम छू सकते हैं। हार्ड कॉपी आउटपुट को कम्प्यूटर तथा साफ्टवेयर के बिना भी देखा व न पढ़ा जा सकता है। इसमें परिवर्तन करना भी आसान नहीं होता। प्रिंटर या प्लॉटर द्वारा प्रस्तुत आउटपुट हार्ड कॉपी आउटपुट के उदाहरण हैं।
इनपुट और आउटपुट डिवाइस#माइक (Mike)#स्पीच रिकॉग्नीशन सिस्टम (Speech Recognition System)#
माइक (Mike) :- माइक या माइक्रोफोन (Microphone) एक ऑडियो (Audio) इनुपट डिवाइस है जिसके द्वारा किसी आवाज (Sound) को
कम्प्यूटर में इनपुट के रूप में डाला जाता है। माइक ध्वनि तरंगों (Audio Signal) को एनालॉग विद्युत तरंगों में बदलता है जिसे साउण्ड कार्ड द्वारा डिजिटल संकेतों में बदला जाता है। माइक का प्रयोग मल्टी मीडिया सॉफ्टवेयर में, आवाज रिकॉर्ड करने, ऑडियो फाइल तैयार करने तथा इंटरनेट पर बातचीत करने
के लिए किया जाता है। ऑडियो फाइल रिकॉर्ड या इडिट करने के लिए Audacity साफ्टवेयर का उपयोग किया जाता हैा
स्पीच रिकॉग्नीशन सिस्टम (Speech Recognition System) :- यह एक इनपुट डिवाइस है जिसके माध्यम से बोलकर डाटा को कम्प्यूटर में डाला जा सकता है। स्पीच रिकॉग्नीशन सिस्टम में मनुष्य द्वारा बोले गए शब्दों को पहचान कर उन्हें टेक्स्ट में परिवर्तित किया जाता है तथा उस टेक्स्ट को कम्प्यूटर स्क्रीन पर प्रदर्शित भी किया जा सकता है। इसका उपयोग मौखिक आदेश देकर कम्प्यूटर की गतिविधियों को नियंत्रित करने में भी किया जा सकता है। हालांकि वर्तमान में इसका प्रयोग सीमित है, पर भविष्य में इसके विकास की संभावनाएं विद्यमान हैं।
बुधवार, 9 मार्च 2022
इनपुट और आउटपुट डिवाइस#ऑप्टिकल मार्क रीडर (Optical Mark Reader)##वेब कैमरा (Web Camera)##टच स्क्रीन (Touch Screen)##माइक (Mike)किस कहते हैा
ऑप्टिकल मार्क रीडर (Optical Mark Reader) ऑप्टिकल मार्क रीडर (OMR) एक इनपुट डिवाइस है जो विशेष प्रकार के संकेतों/ चिह्नों को पढ़कर उसे कम्प्यूटर द्वारा उपयोग के योग्य बनाता है। आजकल वस्तुनिष्ठ उत्तर पुस्तिकाओं (Multiple Choice Question) को जांचने के लिए इसका प्रयोग किया जा रहा है।
इसमें उच्च तीव्रता वाले प्रकाशीय किरणों को कागज पर डाला जाता है तथा पेन या पेंसिल के निशान से परावर्तित किरणों का अध्ययन कर सही उत्तर का पता लगाया जाता है।
वेब कैमरा (Web Camera) यह एक सामान्य डिजिटल कैमरे की तरह होता है जिसे कम्प्यूटर से जोड़कर इनपुट डिवाइस की तरह प्रयोग किया जाता है। इसमें उपस्थित फोटो डायोड (Photo diode) प्रकाशीय सूचना को विद्युत तरंगों में बदल कर कम्प्यूटर को देते हैं। इसे वेब कैम (Web Cam) भी कहा जाता है। वेब कैमरा का प्रयोग वीडियो कान्फरेंसिंग, वीडियो चैटिंग, वेब ब्रॉडकास्ट (Web Broad Cast) आदि में किया जाता है।
टच स्क्रीन (Touch Screen)
यह एक आसान इनपुट डिवाइस है। कम्प्यूटर स्क्रीन पर उपलब्ध विकल्पों में से किसी एक को छूकर निर्देश दिये जा सकते हैं तथा कार्यक्रमों का क्रियान्वयन कराया जा सकता है। टच स्क्रीन में इंफ्रारेड (अवरक्त) किरणें स्क्रीन की सतह पर घूमती रहती हैं। जब अंगुली से प्रदर्शित विकल्पों को छूते हैं तो किरणों की गति प्रभावित होती है तथा उसकी स्थिति रिकॉर्ड कर ली जाती है। स्थिति के अनुसार, कम्प्यूटर चिह्नित विकल्प को क्रियान्वित करता है टच स्क्रीन का उपयोग बैंकों में एटीएम (ATM-AutomaticTeller Machine) तथा सार्वजनिक सूचना केंद्र (InformationKiosk) में किया जा रहा है। स्मार्टफोन तथा टैबलेट कम्प्यूटर में भी टच स्क्रीन का उपयोग इनपुट डिवाइस के रूप में किया जाता है।
माइक (Mike)
माइक या माइक्रोफोन (Microphone) एक ऑडियो (Audio) इनुपट डिवाइस है जिसके द्वारा किसी आवाज (Sound) को कम्प्यूटर में इनपुट के रूप में डाला जाता है। माइक ध्वनि तरंगों (Audio Signal) को एनालॉग विद्युत तरंगों में बदलता है जिसे साउण्ड कार्ड द्वारा डिजिटल संकेतों में बदला जाता है। माइक का प्रयोग मल्टी मीडिया सॉफ्टवेयर में, आवाज रिकॉर्ड करने, ऑडियो फाइल तैयार करने तथा इंटरनेट पर बातचीत करने के लिए किया जाता है। ऑडियो फाइल रिकॉर्ड या इडिट करने के लिए Audacity साफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है।
इनपुट एवं आउटपुट डिवाइस#माइकर (MICR-Magnetic Ink Character Recognition) किसे कहते हैा##एमआईसीआर का क्या काम होता है?##एमआईसीआर क्या है
माइकर (MICR-Magnetic Ink Character Recognition)
इसका प्रयोग विशेष चुम्बकीय स्याही (आयरन ऑक्साइड) से विशेष तरीके से लिखे अक्षरों को कम्प्यूटर के जरिये पढ़ने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग बैंकों द्वारा चेक/ड्राफ्ट में किया जा रहा है। इससे कम समय और बड़ी मात्रा में चेक/ड्राफ्ट का भुगतान करने और नकल रोकने में मदद मिलेगी। माइकर कोड में 0 से 9 तक संख्याओं और चार चिह्नों (कुल 14 कैरेक्टर) का प्रयोग किया जाता है।
कम्प्यूटर की विशेष जानकारी
क्या आप जानते हैं?
यूपीसी (UPC-Universal Product Code) जिसका प्रयोग
अमेरिका के सुपर स्टोर में उत्पादों पर नजर रखने के लिए किया
गया, सर्वाधिक प्रयोग में आने वाला बार कोड है। इसमें 10
लाइने होती हैं जिसमें प्रथम 5 उत्पादक तथा आपूर्तिकर्ता तथा
अंतिम 5 उत्पाद की जानकारी देते हैं।
इनपुट एवं आउटपुट डिवाइस#Bar Code Reader-BCR बार कोड रीडर##bcr बार कोड रीडर क्या है
बार कोड रीडर (BCR-Bar Code Reader) बार कोड विभिन्न चौड़ाई की उर्ध्वाधर (Vertical) काली पट्टियां होती हैं। उनकी चौड़ाई और दो पट्टियों के बीच की दूरी के हिसाब से उनमें सूचनाएं निहित रहती हैं। इन सूचनाओं को बार कोड रीडर की सहायता से कम्प्यूटर में डालकर उत्पाद, वस्तु के प्रकार आदि का पता लगाया जा सकता है। बार कोड का आविष्कार 1940 में जोसेफ वुडलैंड तथा बर्नाड सिल्वर ने मिलकर किया था। पर इसे प्रचारित करने का श्रेय ऐलन हैबर मैन को जाता है। भारत में वर्ष 1998 में नेशनल इन्फार्मेशन इंडस्ट्रियल वर्क फोर्स ने सभी उत्पादों पर बार कोड का प्रयोग जरूरी कर दिया है।
बार कोड बार कोड रीडर लेजर बीम (Laser beam) का प्रयोग करता है तथा परावर्तित किरणों के द्वारा डाटा को कम्प्यूटर में डालता है। आजकल बारकोड का प्रयोग बैंक व पोस्ट ऑफिस में भी किया जा रहा है।
बार कोड रीडर लेजर बीम (Laser beam) का प्रयोग करता है तथा परावर्तित किरणों के द्वारा डाटा को कम्प्यूटर में डालता है। आजकल बारकोड का प्रयोग बैंक व पोस्ट ऑफिस में भी किया जा रहा है।
इनपुट एवं आउटपुट डिवाइस#स्कैनर (Scanner) क्या हैा
स्कैनर (Scanner) :- यह एक इनपुट डिवाइस है जिसका प्रयोग कर टेक्स्ट, तस्वीर और रेखाचित्र को डिजिटल चित्र (Digital Image) में परिवर्तित कर मेमोरी में सुरक्षित रखा जा सकता है। डिजिटल चित्र पर कम्प्यूटर द्वारा प्रोसेसिंग भी किया जा सकता है। स्कैनर कागज पर बने डाक्यूमेंट पर प्रकाश पुंज (Light Beam) डालता है तथा परावर्तित प्रकाश की तीव्रता के आधार पर डाक्यूमेंट को डिजिटल डाटा में बदलता है। स्कैन किए गए डाक्यूमेंट को Bit map Image के रूप में कम्प्यूटर मेमोरी में स्टोर किया में जाता है। इसका प्रयोग कागजी दस्तावेजों को इलेक्ट्रानिक रूप में लंबे समय तक संरक्षित रखने में किया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर इस डाक्यूमेंट को Edit और Print भी किया जा सकता है।
स्कैनर
स्कैनर मुख्यतः दो प्रकार का होता है-
(i) फ्लैटबेड स्कैनर (Flat Bed Scanner) : इसका आकार
फोटोकॉपियर की तरह होता है।
(ii) हैंड हेल्ड स्कैनर (Hand Held Scanner)
इनपुट एवं आउटपुट डिवाइस#आप्टिकल माउस (Optical Mouse), बेतार की-बोर्ड/माउस (Wireless or Chordless Key-Board/Mouse)
ऑप्टिकल माउस (Optical Mouse) ऑप्टिकल माउस प्रकाश तरंगों के परावर्तन के आधार पर
कार्य करता है। इसमें सतह पर घूमने वाला रबर बॉल नहीं होता। LED (Light Emitting Diode) या लेसर डायोड द्वारा उत्पन्न प्रकाश तरंगें सतह से परावर्तित होती हैं जिन्हें फोटो डायोड सेंसर द्वारा पढ़ा जाता है। ऑप्टिकल माउस के लिए किसी विशेष सतह या माउस पैड की जरूरत नहीं होती। इसे किसी भी अपारदर्शी सतह पर रखकर प्रयोग किया सकता है। मैकेनिकल बॉल न होने के कारण इसमें टूट-फूट की संभावना कम होती है।
बेतार की-बोर्ड/माउस (Wireless or Chordless Key-Board/Mouse) सामान्यतः की-बोर्ड तथा माउस को तार के जरिए कम्प्यूटर मदरबोर्ड से जोड़ा जाता है। परंतु वर्तमान में बेतार की-बोर्ड तथा माउस का प्रचलन बढ़ रहा है। इसमें कम्प्यूटर के साथ सूचनाओं का अदान-प्रदान रेडियो तरंगों (Radio Frequency) या Infrared rays या Bluetooth/Wi-Fi के जरिए होता है।
बेतार की-बोर्ड या माउस में एक ट्रांसमीटर तथा एक रिसीवर (Receiver) होता है। ट्रांसमीटर की-बोर्ड या माउस के भीतर होता है जबकि रिसीवर USB पोर्ट द्वारा कम्प्यूटर मदरबोर्ड से जुड़ा होता है। ट्रांसमीटर की-बोर्ड या माउस द्वारा उत्पन्न संकेतों को रेडियो तरंगों में बदलकर रिसीवर तक भेजता है, जो उसे पुनः संकेतों में बदलकर कम्प्यूटर को दे देता है। बेतार की-बोर्ड या माउस 2.4 GHz आवृत्ति की तरंगों पर काम करता है। इसे की-बोर्ड या माउस में लगे बैटरी द्वारा ऊर्जा दी जाती है।
इसका प्रयोग
5. ट्रैक बाल (Track Ball) यह माउस का ही प्रारूप है जिसमें रबर बाल नीचे न होकर ऊपर होता है। इसमें माउस को अपने स्थान से हटाये बिना रबर बाल को घुमाकर माउस प्वांइटर के स्थान में परिवर्तन किया जाता है। मुख्यतः कैड (CAD-Computer Aided Design) तथा कैम (CAM-Computer Aided Manufacturing) में किया जाता है। ट्रैक बॉल का प्रयोग लैपटॉप कम्प्यूटर में माउस के स्थान पर किया जाता है।
6. ज्वास्टिक (Joystick) यह एक प्वाइंटिंग डिवाइस है जो ट्रैकबाल की तरह ही कार्य करता है। बॉल के साथ एक छड़ी लगा दी जाती है ताकि बॉल को आसानी से घुमाया जा सके। छड़ी के ऊपर एक क्लिक बटन होता है जिसके द्वारा किसी आइकन या टेक्स्ट आदि का चयन किया जाता है। इसका उपयोग वीडियो गेम, सिमुलेटर प्रशिक्षण (Training Simulator), रोबोट नियंत्रण (Robot Control) आदि में किया जाता है। यह वीडियो गेम खेलना आसान और मजेदार बनाता है।
7. प्रकाशीय पेन (Light Pen) यह पेन के आकार का प्वाइंटिंग डिवाइस है जिसका प्रयोग इनपुट
डिवाइस की तरह किया जाता है। इसका प्रयोग कम्प्यूटर स्क्रीन पर लिखने, चित्र बनाने या बारकोड (Bar Code) को पढने में किया जाता है प्रकाशीय पेन में फोटो सेल का प्रयोग किया जाता हैा
जानने योग्य तथ्य
रोचक तथ्य
Double Click में यदि दो Click के बीच का अंतर
कम्प्यूटर पर सेट किए गए समयांतराल (Time Period) से
ज्यादा है, तो कम्प्यूटर इसे दो Single Click की तरह पढ़ता है।
कम्प्यूटर साफ्टवेयर द्वारा दो Single Click के बीच के समयान्तराल
को कम या ज्यादा किया जा सकता है।
इनपुट एवं आउटपुट डिवाइस#माउस के कार्य (Funcations of Mouse) : -
माउस के कार्य (Functions of Mouse) : माउस द्वारा निम्नलिखित कार्य किए जाते हैं-
(i) प्वांइट और सेलेक्ट (Point and Select) करना
माउस प्वाइंटर को किसी आइकन (icon) के ऊपर ले जाने से यदि माउस प्वाइंटर हाथ के आकार का हो जाए, तो इसे प्वाइंट कहा
जाता है। साथ ही प्वाइंट किए गए आब्जेक्ट का संक्षिप्त विवरण भी स्क्रीन पर प्रदर्शित हो सकता है। माउस का प्रयोग किसी icon, टेक्स्ट या इमेज को सेलेक्ट करने के लिए भी किया जाता है। सेलेक्ट किए गए आइकन, टेक्स्ट या इमेज के रंग में तात्कालिक परिवर्तन दिखाई पड़ता है। सेलेक्ट किए गए Object को हम Copy, Cut या Delete कर सकते हैं।
(ii) क्लिक (Click) : इसे Single Click या Left Click भी कहा जाता है। माउस के बायें बटन को एक बार दबाकर छोड़ना
क्लिक कहलाता है। इसका प्रयोग किसी Object या icon को प्वाइंट कर उसे सेलेक्ट (Select) करने के लिए किया जाता है।
(iii) डबल क्लिक (Double Click) : माउस के बायें बटन को जल्दी-जल्दी दो बार दबा कर छोड़ना डबल क्लिक कहलाता
है। डबल क्लिक का प्रयोग किसी फाइल या फोल्डर को खोलने या किसी प्रोग्राम को Activate या Start करने के लिए किया जाता है।
(iv) राइट क्लिक (Right Click) : माउस के दायें बटन को एक बार दबाकर छोड़ना राइट क्लिक कहलाता है। राइट क्लिक कर्सर की स्थिति के अनुसार उस Object से संबंधित ड्राप डाउन मेन्यू (Dropdown menu) प्रदर्शित करता है। मेन्यू संबंधित विकल्पों
का समूह है जिसमें से विकल्पों का चयन लेफ्ट क्लिक द्वारा किया जा सकता है।
(v) ड्रैग और ड्राप (Drag and Drop) : किसी आब्जेक्ट के आइकन पर माउस प्वाइंटर ले जाकर Left बटन दबाना तथा लेफ्ट
बटन दबाये रखकर माउस को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना ड्रैग (Drag) कहलाता है इससे आब्जेक्ट का आइकन भी साथ-साथ चलता है। अब माउस प्वाइंटर को वांछित स्थान या फाइल आइकन पर ले जाकर लेफ्ट बटन छोड़ देना ड्राप (Drop) कहलाता है। माउस के इस ड्रैग और ड्रॉप विकल्प का प्रयोग किसी आइकन, चित्र, अक्षर, फाइल या फोल्डर को कम्प्यूटर स्क्रीन पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले
जाने या कम्प्यूटर मेमोरी में एक फोल्डर से दूसरे फोल्डर तक पहुंचाने के लिए किया जाता है।
(vi) माउस का प्रयोग पेंट (Paint) प्रोग्राम में कलम या ब्रश की तरह भी किया जाता है।
रविवार, 20 फ़रवरी 2022
क्या आप जानते हैं?
कम्प्यूटर यूनिट के साथ मिलकर की-बोर्ड तथा मॉनीटर वीडियो डिस्प्ले टर्मिनल (VDT-Video Display Terminal या मात्र टर्मिनल कहलाते हैं। टर्मिनल का अर्थ है- वह स्थान जहां संचार पथ का अंत (Terminate) हो जाता है।
क्या आप जानते हैं?
कर्सर (Cursor) कम्प्यूटर मानीटर के स्क्रीन पर प्रदर्शित होने वाली सीधी खड़ी रेखा (Vertical Line) है, जो स्क्रीन पर आती जाती (Blink) रहती है। की-बोर्ड द्वारा टाइप होने वाला अगला कैरेक्टर कर्सर के स्थान पर ही प्रदर्शित होता है। कर्सर को माउस द्वारा या की-बोर्ड पर स्थित कर्सर मूवमेंट बटन द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है।
शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2022
Input and Output Devices, इनपुट और आउटपुट डिवाइस, input Devices, output devices
2. माउस (Mouse)
3. ज्वॉस्टिक (Joystick)
4. रकाशीय पेन (Light Pen)
5. स्कैनर (Scanner)
6. बार कोड रीडर (Bar Code Reader)
7. माइकर (MICR-Magnetic Ink Character Recognition)
8. पंच कार्ड रीडर (Punch Card Reader)
9. ऑप्टिकल मार्क रीडर (Optical Mark Reader)
10. ऑप्टिकल कैरेक्टर रीडर (OCR-Optical Character Reader)
11. डिजिटल कैमरा (Digital Camera)
12. टच स्क्रीन (Touch Screen)
13. माइक (Mike)
14. स्पीच रिकॉग्नीशन सिस्टम (Speech recognition system)
15. आप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्नीशन (Optical Character Recognition)
16. इलेक्ट्रानिक कार्ड रीडर (Electronic Card Reader) ।
की-बोर्ड एक प्रचलित इलेक्ट्रोमेकैनिकल इनपुट डिवाइस है जिसका प्रयोग कम्प्यूटर में अल्फान्यूमेरिक डाटा डालने तथा कम्प्यूटर को निर्देश देने के लिए किया जाता है। की-बोर्ड पर टाइप किया जाने वाला डाटा कम्प्यूटर मानीटर के स्क्रीन पर प्रदर्शित होता है। की- बोर्ड का प्रयोग माउस की तरह प्वाइंटिंग डिवाइस के रूप में भी किया जा सकता है।
आजकल 104 बटनों वाले 'QWERTY' की-बोर्ड का प्रयोग प्रचलन में है। इसमें बटनों की व्यवस्था प्रचलित टाइपराइटर बटनों की तरह होती है जिसमें अंग्रजी के सभी अक्षरों को तीन पंक्तियों में व्यवस्थित किया गया होता है। इसे 'QWERTY' की-बोर्ड इसलिए कहा जाता है क्योंकि अक्षरों के सबसे ऊपर वाली पंक्ति के बायीं ओर के 6 बटन Q, W, E, R, T तथा Y के क्रम में होते हैं। कम्प्यूटर की- बोर्ड के कुछ बटन ऐसे भी होते हैं जिन्हें प्रयुक्त साफ्टवेयर के अनुसारकम्प्यूटर को निर्धारित निर्देश देने के लिए प्रयोग किया जाता है।
(i) मुख्य की-बोर्ड (Main Key-Board) या टाइपराइटर बटन (Typewriter Key) : यह की-बोर्ड के बायें-मध्य भाग में अंग्रेजी टाइपराइटर के समान व्यवस्थित होता है। इसमें अंग्रेजी के सभी अक्षर (A से Z), अंक (0 से 9) तथा कुछ विशेष चिह्न रहते हैं। इसे अक्षर बटन (Alphabet Key) तथा संख्यात्मक बटन (Numeric Key) भी कहा जाता है। इनका प्रयोग कम्प्यूटर में अल्फान्यूमेरिक डाटा डालने के लिए तथा वर्ड प्रासेसिंग प्रोग्राम में किया जाता है। मुख्य की-बोर्ड में कुछ विराम चिह्न (Punctuation Keys) भी होते हैं।
(iv) कर्सर मूवमेंट बटन (Cursor Movement Keys) : की-बोर्ड के दायें निचले भाग में तीर के निशान वाले चार बटन होते हैं जिनसे कर्सर को दाएं (,), बायें (6), ऊपर (क) तथा नीचे (1) ले जाया जा सकता है। इन्हें दायां, बायां, ऊपर तथा नीचे ऐरो बटन (Right, Left, Up and DownArrow Key) कहते हैं। इन्हें एक बार दबाने पर कर्सर एक स्थान बाएं या दाएं या एक लाइन ऊपर या नीचे हो जाता है। इसे Navigation Keys भी कहा जाता है। इसके ठीक ऊपर कर्सर कंट्रोल के लिए चार बटन और होते हैं जो इस प्रकार हैं-
→ होम (Home) कर्सर को लाइन के आरंभ में ले जाता है। | Home तथा Ctrl. बटन को एक साथ दबाने पर कर्सर वर्तमान पेज या डाक्यूमेंट के आरंभ में चला जाता है। किसी वेब पेज को देखने के दौरान Home बटन दबाने पर कर्सर उस वेब पेज के प्रारंभ में पहुंच जाता है।
बटनों के कार्यों में बदलाव करता है। मोडिफायर बटन का प्रयोग किसी अन्य बटन के साथ मिलकर किसी विशेष कार्य को संपादित करने के लिए किया जाता है। Shift, Alt (Alternate), Ctrl (Control) तथा Windows Key मोडिफायर बटन हैं। इनका प्रयोग कम्प्यूटर साफ्टवेयर के अनुसार बदलता रहता है। सुविधा के लिए की-बोर्ड पर Shift, Alt, Ctrl तथा Windows Key के दो-दो बटन बनाये जाते हैं जो मुख्य की-बोर्ड के दोनों छोरों पर स्थित होते हैं। क्या आप जानते हैं ? कम्प्यूटर यूनिट के साथ मिलकर की-बोर्ड तथा मॉनीटर वीडियो डिस्प्ले टर्मिनल (VDT-Video Display Terminal) या मात्र टर्मिनल कहलाते हैं। टर्मिनल का अर्थ है- वह स्थान जहां संचार पथ का अंत (Terminate) हो जाता है।
(vi) स्पेशल परपस बटन (Special Purpose Key) : कम्प्यूटर की-बोर्ड के कुछ बटन किसी खास उद्देश्य के लिए बनाएजाते हैं, जिन्हें स्पेशल परपस बटन कहा जाता है। कुछ स्पेशल परपस बटन और उनके कार्य इस प्रकार हैं-
(क)न्यूमेरिक लॉक बटन (Num Lock Key) - इसका प्रयोग संख्यात्मक बटनों के साथ किया जाता है। Num Lock ऑन होने पर की-बोर्ड के ऊपर दायीं ओर एक हरी बत्ती जलती है तथा संख्यात्मक की-पैड के बटन के ऊपर लिखी संख्याएं टाइप करते हैं।Num Lock ऑफ होने पर ये बटन नीचे लिखे कार्य संपन्न करते हैं।
(ख) कैप्स लॉक बटन (Caps Lock Key) - इसका प्रयोग अंग्रेजी वर्णमाला को छोटे अक्षरों (Small Letters/Lower Case) या बड़े अक्षरों (Capital Letters/Upper Case) में लिखने के लिए किया जाता है। कैप्स लॉक बटन दबाने पर ऊपर दायीं ओर एक बत्ती जलती है तथा की-बोर्ड के संबंधित बटनों द्वारा वर्णमाला को बड़े अक्षरों में लिखा जाता है। कैप्स लॉक बटन दूसरी बार दबाने पर बत्ती बुझ जाती है तथा वर्णमाला के छोटे अक्षरों को टाइप किया जा सकता है।
(ग) शिफ्ट बटन (Shift Key) : इसे संयोजन बटन (Combination Key) भी कहते हैं क्योंकि इसका उपयोग किसी और बटन के साथ किया जाता है। किसी बटन पर दो चिह्न रहने पर शिफ्ट बटन के साथ उस बटन को दबाने पर ऊपर वाला चिह्न टाइप होता है। उस बटन को अकेले दबाने पर नीचे लिखा चिह्न आता है। अगर कैप्स लॉक बटन ऑन है, तो शिफ्ट बटन के साथ वर्णमाला के बटन दबाने पर छोटे अक्षर टाइप होते हैं। अगर कैप्स लॉक बटन ऑफ है तो शिफ्ट बटन के साथ वर्णमाला के बटन दबाने पर बड़े अक्षर टाइप होते हैं।
(घ) टैब बटन (Tab Key) - यह कर्सर को एक निश्चित दूरी, जो रूलर (Ruler) द्वारा तय की जा सकती है, तक कुदाते हुए ले जाने के लिए प्रयोग किया जाता है। किसी चार्ट, टेबल या एक्सेल प्रोग्राम में एक खाने से दूसरे खाने तक जाने के लिए भी टैब बटन का प्रयोग किया जाता है। इसके द्वारा डायलॉग बॉक्स में उपलब्ध विकल्पों में से किस एक का चयन भी किया जा सकता है।
(ङ) रिटर्न (Return) या इन्टर (Enter) बटन - कम्प्यूटर को दिए गए निर्देशों को कार्यान्वित करने के लिए तथा स्क्रीन पर टाइप डाटा को कम्प्यूटर में भेजने के लिए इंटर बटन का प्रयोग किया जाता है। वर्ड प्रोसेसिंग प्रोग्राम में नया पैराग्राफ या लाइन आरंभ करने का कार्य भी इससे किया जाता है। कभी-कभी, की-बोर्ड में Enter बटन को पहचान के लिए एक विशेष आकार प्रदान किया जाता है।
(च) एस्केप बटन (ESC-Escape Key) - इस बटन का प्रयोग पिछले कार्य को समाप्त करने या चालू प्रोग्राम के बाहर जाने के लिए होता है।
(छ) बैक स्पेस बटन (Back Space Key) - इसके प्रयोग से कर्सर के ठीक बांयी ओर स्थित कैरेक्टर या स्पेस को एक-एक कर मिटाया जाता है। इसका प्रयोग टाइपिंग के समय गलतियाँ ठीक करने में किया जाता है।
(ज) डिलीट बटन (Del - Delete Key) - इसका प्रयोग कर्सर के ठीक दायीं ओर स्थित कैरेक्टर या स्पेस को एक-एक कर मिटाने में किया जाता है। इससे कर्सर के बाद के सभी डाटा एक स्थान बायीं ओर खिसक जाते हैं। इससे चयनित शब्द, लाइन, पैराग्राफ, पेज या फाईल को एक साथ भी मिटाया जा सकता हैा
(N) स्क्रॉल लॉक बटन (Scroll Lock Key) - इस बटन को दबाने से कम्प्यूटर स्क्रीन पर आ रही सूचना एक स्थान पर रुक जाती है। सूचना को फिर से शुरू करने के लिए यही बटन दुबारा दबाना पड़ता है।
(ट) पॉज बटन (Pause Key) इसका कार्य स्क्रॉल लॉक बटन जैसा ही है। किसी भी दूसरे बटन को दबाने पर सूचना शुरू हो जाती है।
(ठ) इन्सर्ट बटन (Insert Key) - इसका प्रयोग पहले से संग्रहित डाटा पर Overwrite करने के लिए किया जाता है। इन्सर्ट बटन दबाकर कोई टाइपिंग बटन दबाने पर कर्सर के ठीक बाद स्थित अंक या अक्षर मिट जाता है तथा उसके स्थान पर नया टेक्स्ट टाइप हो जाता है।
(ड) कंट्रोल + आल्ट + डेल (Ctrl+Alt+Del-Control+Alternate+Delete Key) - इन तीनों बटनों को एक साथ दबाने पर कम्प्यूटर में चल रहे प्रोग्राम बंद हो जाते हैं तथा कम्प्यूटर फिर से स्वयं शुरू वाली अवस्था में पहुंच जाता है। ऐसा अक्सर तब किया जाता है जब कम्प्यूटर हैंग (Hang) हो जाता है अर्थात् किसी अन्य बटन के आदेश का पालन नहीं करता। इसे रिसेट (Reset) भी कहते हैं।
(ढ) स्टिक बटन (Stick Keys)- वे उपयोगकर्ता जो दो या अधिक बटनों को एक साथ दबाने में असुविधा महसूस करते हैं, उनकी सुविधा के लिए स्टिक बटन का प्रयोग किया जाता है। इसमें उपयोगकर्ता Modifier Keys (Ctrl, Shift, AI) या Windows Key को लगातार दो बार दबा कर तब तक सक्रिय रख सकता है जब तक दूसरा बटन न दबा दिया जाए।
(ण) स्पेस बार (Space Bar) : यह की-बोर्ड में सबसे निचली पंक्ति के बीच में स्थित सबसे लंबा बटन है। सामान्यतः इसका प्रयोग टाइप करते समय अक्षरों तथा अंकों के बीच खाली स्थान (Space) डालने के लिए किया जाता है। इसे इतना लंबा इसलिए बनाया जाता है ताकि दोनों हाथों से टाइप करते समय किसी भी हाथ के अंगूठे से इसका प्रयोग किया जा सके। Modifier Key के साथ इसका प्रयोग साफ्टवेयर के अनुसार अन्य कार्यों के लिए भी किया जाता है। वीडियो गेम में भी इसे एक मुख्य बटन के रूप में प्रयोग किया जाता है।
माउस की सहायता से हम कम्प्यूटर स्क्रीन पर कर्सर या किसी
ऑब्जेक्ट (Object) को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा सकते हैं। माउस का प्रयोग किसी Command, Dialog Box या Icon को सेलेक्ट करने या उससे संबंधित कार्य को क्रियान्वित करने के लिए भी किया जाता है। माउस को कम्प्यूटर मदरबोर्ड पर बने PS-2 पोर्ट या USB (Universal Serial Bus) पोर्ट से जोड़ा जाता है।
माउस में दो या तीन बटन हो सकते हैं जिन्हें दायां, बायां और मध्य बटन (Right, Left and Centre Button) कहते हैं। माउस बटन वास्तव में माइक्रोस्विच है जिन्हें दबाकर कम्प्यूटर को वांछित संदेश प्रेषित किए जाते हैं। इसके नीचे एक रबर बॉल होता है। किसी समतल सतह (माउस पैड) पर माउस को हिलाने पर बॉल घूमता है तथा उसकी गति और दिशा मानीटर पर माउस प्वाइंटर (A) की गति और दिशा में परिवर्तित हो जाती है। ऑपरेटिंग सिस्टम में माउस प्रॉपर्टीज में परिवर्तन कर बायें व दायें बटन के कार्यों में अदला-बदली में की जा सकती है। ऐसा बायें हाथ से काम करने वालों की सुविधा के त लिए किया जाता है।
बायां बटन (Left Button) : यह माउस के बायीं ओर स्थित होता है। इससे क्लिक, डबल क्लिक, प्वाइंट या ड्रैग का काम लिया जाता है।
मध्य बटन (Centre Button) : इसे स्क्रॉल बटन (Scroll
Button) भी कहा जाता है। इसका प्रयोग डाक्यूमेंट या वेब पेज को ऊपर नीचे करने के लिए किया जाता है। आधुनिक माउस में बीच वाले बटन को एक हील (Wheel) में बदल दिया जाता है, जिसे डाक्यूमेंट या वेब पेज को ऊपर नीचे (Scroll) किया जाता है।
Objective Question, computer gk question, hardware question's, sodtware question's, computer samanygyan prashna कम्प्यूटर संबंधी वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. मदर बोर्ड के कम्पोनेन्ट्स (उपकरणों) के बीच सूचना..माध्यम से ट्रेवेल करता है-
(a) फ्लैश मेमोरी (b) सी मॉस (c) वेज (d) बसेज (e) पेरीफेरल्स
Ans. (d)
व्याख्या : मदरबोर्ड पर बनी धातु की पतली रेखाएं, जिनके माध्यम से विभित्र भागों के बीच संकेतों का आदान प्रदान होता है, बस बार (Bus Bar) या बसेज (Buses) कहलाती है
2. कम्प्यूटर का मुख्य पटल कहलाता है-
(a) फादर बोर्ड (b) मदर बोर्ड (c) की-बोर्ड (d) इनमें से कोई नहीं
Ans.(b)
व्याख्या : मदर बोर्ड प्लास्टिक का बना पीसीबी (Printed Cricuit Board) होता है जिस पर धातु की पतली रेखाएं बनी रहती हैं। कम्प्यूटर के विभिन्न इलेक्ट्रानिक उपकरण मदर बोर्ड पर ही लगे होते हैं, अतः इसे कम्प्यूटर का मुख्य पटल कहा जाता है।
3. यूपीएस (UPS) का कार्य है-
(a) कम्प्यूटर की बैटरी को चार्ज करना
(b) कम्प्यूटर को असुरक्षा से बचाना
(c) कम्प्यूटर को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना
(d) इनमें से कोई नहीं
Ans. (c)
व्याख्या : यूपीएस (UPS-Uninterrupted Power Supply) कम्प्यूटर को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करता है तथा अचानक विद्युत बंद हो जाने पर कार्यों के समाप्त होने और हार्ड डिस्क खराब होने के खतरे से बचाता हैा
4. पर्सनल कम्प्यूटर के विकास का श्रेय जाता है-
(a) IBM को (b) HCL को (c) DEC को (d) HP को
Ans. (a)
व्याख्या : IBM (International Business Machine) नामक कम्पनी ने 1981 में पर्सनल कम्प्यूटर का निर्माण किया। बाद में बनने वाले पीसी भी IBM कोम्पैटिबल पीसी कहलाये।
5. सिस्टम यूनिट में रीसेट बटन का प्रयोग किया जाता है-
(a) कम्प्यूटर को बंद करने के लिए
(b) कम्प्यूटर को चालू करने के लिए
(c) कम्प्यूटर की सप्लाई को बंद किये बिना पुनः चालू करने के लिए
(d) इनमें से कोई नहीं कर
Ans. (c)
व्याख्या : सिस्टम यूनिट में रीसेट बटन का प्रयोग कम्प्यूटर की सप्लाई को बंद किये बिना उसे पुनः चालू करने के लिए किया जाता है
6. पेन ड्राइव को कम्प्यूटर से जोड़ने के लिए प्रयोग होता है-
(a) यूएसबी पोर्ट
(c) सिरीयल पोर्ट
(b) पैरेलल पोर्ट
(d) नेटवर्क पोर्ट
Ans.(a)
व्याख्या : पेन ड्राइव एक इलेक्ट्रानिक मेमोरी है जिसे कम्प्यूटर के साथ यूएसबी (Universal Serial Bus) पोर्ट के सहारे जोड़ा जाता है।
7. प्रिंटर को सिस्टम यूनिट के साथ जोड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है-
(a) यूएसबी पोर्ट
(c) सीरियल पोर्ट
(b) पैरेलल पोर्ट
(d) नेटवर्क पोर्ट
Ans. (b)
व्याख्या : प्रिंटर को सिस्टम यूनिट के पैरेलल पोर्ट से जोड़ा जाता है। जबकि माउस को सीरियल पोर्ट तथा इंटरनेट को नेटवर्क पोर्ट से जोड़ा जाता है।
8. कम्प्यूटर के यूएसबी पोर्ट (USB Port) से किसे नहीं जोड़ा जा सकता है-
(b) प्रिंटर
(a) माउस
(c) पेन ड्राइव
(d) हार्ड डिस्क
Ans. (d)
व्याख्या : माउस, प्रिंटर तथा पेन ड्राइव को यूएसबी पोर्ट से जोड़ा जाता है जबकि हार्ड डिस्क को SCSI Port से जोड़ा जाता है।
9. कम्प्यूटर में पॉवर सप्लाई सिस्टम में प्रयुक्त एसएमपीएस (SMPS) का अर्थ है-
(a) स्विच मोड पॉवर सप्लाई
(b) सर्विस मोड पॉवर सप्लाई
(c) श्योर माड्यूल पॉवर सप्लाई
(d) सिक्योर माड्यूल पॉवर सप्लाई
Ans.(a)
व्याख्या : कम्प्यूटर को +5V और 12V सप्लाई प्रदानकरने के लिए एसएमपीएस (SMPS-Switch Mode Power Supply) का प्रयोग किया जाता है जो पूर्णतः इलेक्ट्रानिक उपकरणों पर आधारित होता है।
10. कम्प्यूटर के प्रोसेसर की गति को निम्नलिखित में से किसमें के मापा जाता है-
(a) बी.पी.एस. (b) एम.आई.पी.एस. (MIPS) (c) बॉड (d) हर्ट्स
Ans. (b)
व्याख्या : कम्प्यूटर प्रोसेसर एक सेकेंड में लाखों अनुदेश संपादित कर सकता है। अतः प्रोसेसर की गति को MIPS (Million Instructions Per Second) में मापते हैं।
11. किसी विशेष प्रकार के संगीत उपकरणों को साउंड कार्ड से कौन सा पोर्ट जोड़ता है-
(a) बस (Bus) (b) सीपीयू (CPU) (c) यूएसबी (USB) (d) मीडी (MIDD
(e) इनमें से कोई नहीं
Ans. (d)
12. कम्प्यूटर प्रणाली के लिए विस्तार क्षमता प्रदान करते हैं-
(a) साकेट्स
(b) स्लॉट्स (Slots)
(c) बाइट
(e) इनमें से कोई नहीं
(d) वेब
Ans. (b)
13. एक बॉक्स, जिसमें कम्प्यूटर सिस्टम के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भाग होते हैं, कहलाता है-
(a) साफ्टवेयर
(b) हार्डवेयर
(d) सिस्टम यूनिट
(c) इनपुट डिवाइस
(e) इनमें से कोई नहीं
Ans. (d)
सोमवार, 14 फ़रवरी 2022
Objective Question, computer gk question, hardware question's, sodtware question's, computer samanygyan prashna कम्प्यूटर संबंधी वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. कम्प्यूटर
1. आंकड़ों के भंडारण वाली एक सक्षम युक्ति है।
2. आंकड़ों के विश्लेषण करने में सक्षम है।
3. पूर्ण गोपनीयता बनाए रखने में सक्षम है।
4. कभी-कभी वायरस द्वारा संक्रमित होता है।
Ans. (d)
व्याख्या : आंकड़ों (डाटा) का भंडारण और उनका विश्लेषण कम्प्यूटर का कार्य है। पासवर्ड की सहायता से कम्प्यूटर में पूर्ण गोपनीयता बनाए रखा जा सकता है। जबकि वायरस द्वारा संक्रमित होना कम्प्यूटर की एक कमी है।
2. देश का प्रथम कम्प्यूटर साक्षर (Computer Literate) जिला हैा
(a) अर्नाकुलम (b) विल्लुपुरम (c) थीरूवल्लूर (d) मलप्पुरम (केरल)
Ans. (d)
3. भारत का पहला कम्प्यूटर कहां स्थापित किया गया था?
(a) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली
(b) भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंग्लुरू
(c) इंडियन आयरन एंड स्टील कंपनी, बर्नपुर
(d) भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कलकत्ता
Ans. (d)
4. कम्प्यूटर निम्नलिखित में से कौन सा कार्य नहीं करता है-
(a) इनपुटिंग (b) प्रोसेसिंग (d) आउटपुटिंग (c) कंट्रोलिंग (e) अंडर स्टैडिंग
Ans. (e)
व्याख्या : कम्प्यूटर डाटा को इनपुट के रूप में लेकर उपलब्ध निर्देशों के अनुसार प्रोसेस करता है तथा वांछित आउटपुट उपलब्ध कराता है। पर कम्प्यूटर के स्वयं के सोचने और समझने (Understanding) की शक्ति नहीं होती।
5. वह इलेक्ट्रानिक डिवाइस जो डाटा को स्वीकार कर सकती है, डाटा प्रोसेस करती है तथा आउटपुट उत्पन्न करती है और परिणामों को भविष्य में प्रयोग के लिए स्टोर करती है, कहलाती है।
(a) इनपुट (b) कम्प्यूटर (c) साफ्टवेयर (d) हार्डवेयर (e) इनमें से कोई नहीं
Ans. (b)
6. निम्नलिखित में से कौन कम्प्यूटर के गुण है-
(a) तीव्र गति (b) त्रुटि रहित कार्य (c) गोपनीयता (d) उपर्युक्त सभी
Ans. (d)
व्याख्या : कम्प्यूटर अपनी गति और त्रुटि रहित कार्य अर्थात् विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है। पासवर्ड के प्रयोग द्वारा गोपनीयता सुनिश्चित की जा सकती है।
7. डाटा प्रोसेसिंग का अर्थ है-
(a) डाटा संग्रहण (b) डाटा को सजाना (c) डाटा को उपयोगी बनाना (d) उपर्युक्त सभी
Ans. (c)
व्याख्या : डाटा प्रोसेसिंग में अवर्गीक्रित या रॉ डाटा को वर्गीक्रित कर उपयोग के लायक बनाया जाता हैा
8. चिन्हात्मक डाटा (Alphanumeric Data) में प्रयोग किया जाता हैा
(a) अंको का (b) अक्षरों का (c) चिन्हों का (d) उपर्युक्त सभी का
Ans. (d)
व्याख्या : चिह्नात्मक डाटा में अंकों, चिह्नों और अक्षरों, सभी का प्रयोग किया जाता है। इस डाटा पर अंकगणितीय । क्रियाएं नहीं की जा सकती, पर उनकी तुलना की जा सकती है। जैसे- घर का पता आदि ।
9. इनमें से कौन कम्प्यूटर का गुण नहीं है-
(a) जल्द निर्णय लेने की क्षमता (b) गोपनीयता (c) बुद्धिहीन (d) विविधता
Ans. (c)
व्याख्या : कम्प्यूटर में स्वयं की सोचने की क्षमता नहीं होती। अतः इसे बुद्धिहीन कहा जाता है। यह कम्प्यूटर का गुण नहीं, बल्कि दोष है।
10. कम्प्यूटर साक्षरता दिवस मनाया जाता है-
(a) 1 दिसम्बर
(b) 2 दिसम्बर
(c) 1 जनवरी
(d) 22 जनवरी
Ans. (b)
व्याख्या : प्रतिवर्ष 2 दिसम्बर को विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस मनाया जाता है।
11. विश्व में सर्वाधिक कम्प्यूटर वाला देश है-
(a) भारत
(b) रूस
(c) जापान
(d) सं. रा. अमेरिका
Ans. (d)
व्याख्या : सं. रा. अमेरिका (USA) में कम्प्यूटर की संख्या विश्व में सर्वाधिक है।
12. कम्प्यूटर साक्षरता का अर्थ है-
(a) कम्प्यूटर प्रोग्राम लिखना (b) कम्प्यूटर की त्रुटि सुधारना (c) कम्प्यूटर के कार्य क्षमता की जानकारी रखना (d) कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली जानना
Ans. (c)
व्याख्या : कम्प्यूटर साक्षरता में व्यक्ति को कम्प्यूटर क्या कर सकता है और क्या नहीं इसकी जानकारी दी जाती है ताकि व्यक्ति दैनिक कार्यों में होने वाले कम्प्यूटर अनुप्रयोग की सुविधा का लाभ उठा सके।
13. डाटा प्रोसेसिंग का अर्थ है-
(a) डाटा का भण्डारण
(b) डाटा का संग्रहण
(c) उपयोग के लिए सूचना प्राप्त करना
(d) सूचना का विश्लेषण
Ans. (c)
व्याख्या : डाटा प्रोसेसिंग डाटा का उपयोगिता के आधार पर विश्लेषण करना है ताकि उपयोगी सूचना प्राप्त की जा सके।
14. बैंकिंग लेन-देन में ECS का अर्थ है-
(a) एक्सेस क्रेडिट सुपरवाइजर
(b) एक्स्ट्रा कैश स्टेट्स
(c) एक्सचेंज क्लियरिंग स्टैंडर्ड
(d) इलेक्ट्रानिक क्लियरिंग सर्विस
Ans. (d)
व्याख्या : बैंकों में कम्प्यूटर के अनुप्रयोग में तेजी आयी है। कम्प्यूटर द्वारा लेन-देन की प्रक्रिया को तीव्र व विश्वसनीय बनाने के लिए इ.सी.एस. (ECS-Electronic Clearing Service) का प्रयोग किया जाता है।
15. कम्प्यूटर प्रोसेस द्वारा इन्फार्मेशन में परिवर्तित करता है।
(a) नंबर को
(c) इनपुट को
(b) डाटा को
(d) प्रोसेसर को
Ans. (b)
व्याख्या : कम्प्यूटर दिए गए अनुदेशों के अनुसार डाटा को प्रोसेस करता है तथा उसे सूचना (Information) बदलता है। इस प्रकार डाटा अव्यवस्थित तथ्य है जबकि सूचना व्यवस्थित डाटा है।
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